कोल्हूखोर गांव में चकबंदी कार्य का ग्रामीणों ने किया विरोध, पुनः चकबंदी की उठी मांग

चकबंदी करने गांव में गई टीम ग्रामीणों के विरोध पर वैरन वापस

चकबंदी में भारी अनियमितताओं का ग्रामीणों ने लगाया आरोप, जमकर हुआ विरोध प्रदर्शन

जहानागंज (आजमगढ़)। क्षेत्र के कोल्हूखोर गांव में बुधवार को जब चकबंदी विभाग की टीम खूंटा गाड़ने के लिए पहुंची, तो गांव के सैकड़ों ग्रामीण एकत्रित होकर कार्य का विरोध करने लगे। ग्रामीणों ने चकबंदी प्रक्रिया में भारी अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए चकबंदी को निरस्त कर पुनः निष्पक्ष ढंग से चकबंदी कराने की मांग की। गांव के अश्विनी कुमार सिंह, दीपेंद्र वीर सिंह, पवन सिंह, संजीव सिंह, राम प्रताप, राणा सिंह, अजीत सिंह, सूरज मौर्य, जगदीश मौर्य, अमित सिंह समेत अन्य ग्रामीणों ने चकबंदी विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही चकबंदी आयुक्त को पत्र भेजकर गांव में हो रही धांधली की जानकारी दी थी। इसके पश्चात विभागीय स्तर से निर्देश मिला कि जांच कराकर ही कार्य शुरू किया जाए, लेकिन इसके बावजूद चकबंदी विभाग की टीम एसओसी रामप्रवेश के आदेश पर चकबंदी विभाग टीम सीधे कार्य शुरू करने पहुंच गई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि चकबंदी में मलियत बैठाने में भारी गड़बड़ी की गई है। उड़ान चक भी जरूरत से ज्यादा दिखाए गए हैं, जबकि नाली, खड़ंजा और जल निकासी जैसी मूलभूत सुविधाओं की पूरी तरह अनदेखी की गई है। इससे गांव में भविष्य में जलजमाव और रास्तों की समस्या गहराने की आशंका है।ग्रामीणों ने बताया कि विभाग का कहना है कि 15 अप्रैल से 15 जुलाई तक कार्य की अनुमति है, जबकि स्थानीय स्तर पर यह जानकारी है कि खूंटा गाड़ने की अनुमति केवल 15 जून तक थी। ऐसे में विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।विरोध के दौरान ग्रामीणों ने दो टूक कहा कि जब तक निष्पक्ष जांच कर पुनः चकबंदी प्रक्रिया नहीं कराई जाएगी, तब तक गांव में कोई कार्य नहीं होने दिया जाएगा।वही चकबंदी विभाग के एसोसी रामप्रवेश ने बताया कि 15 अप्रैल से 15 जुलाई तक गांव में चकबंदी का काम खुदा वगैरा गड़ा जा सकता है

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