“सर्पदंश से सावधानी ही सुरक्षा: जिलाधिकारी आज़मगढ़ की जन अपील”

आजमगढ़:जिलाधिकारी आजमगढ़  रविन्द्र कुमार ने जनपद वासियों से अपील किया है कि सर्पदंश से बचाव व उसके लक्षण के विषय में जानकारी प्राप्त कर स्वयं बचे एवं दूसरे को भी बचाने का कार्य करें तथा साथ ही साथ एक दूसरे को जागरूक कर जनहानि की घटना को कम करने का प्रयास करें।ऑस्ट्रेलिया व अमेरिका में विषैले सर्पों की 85-65 प्रतिशत आंकि गयी है जबकि विषहीन सर्प की 15-35 प्रतिशत है जिसके सापेक्ष मरने वाले की संख्या प्रव्येक वर्ष 0 से 10 व्यक्तियों की है, परन्तु भारत में विषैले सर्प मात्र 15 प्रतिशत ही है जिसके सापेक्ष भारत मे प्रत्येक वर्ष लगभग 45-46 हजार मृत्यु सर्पदंश से होती है, जिसका प्रमुख कारण लोगो में अज्ञानता व समय से ईलाज न कराने के वजाय झाड़-फूक आदि पर ज्यादा विश्वास करने से होती है।
भारत में विषैलें प्रमुख सर्प नाग (कोबरा)/कॉमन कैरत/स्कैल्ड वाईपर/रैसेल वाईपर वाईपर पाये जाते है। जिसकी बनावट व विशेषताये अलग-अलग होती है
अपर जिला अधिकारी वित्त एवं राजस्व sri गंभीर सिंह ने सांप काटने पर क्या करें क्या ना करें के बारे में विस्तृत रूप से बताया
तुरन्त क्या करेंः
काटे गये जगह को साबून व पानी से घोए
दांत के निसान की जॉच करें, कही जहरीले सर्प के काटने का दो दंत का निशान तो नही। काटे हुए अंग को हृदय के लेवल से नीचे रखें। सर्पदंश वाले अंग को स्थिर (फिक्स) करें। बैंडेज घाव पर और उसके उपर लगाये। घायल व्यक्ति को संात्वना दे, घबराहट से हृदय गति तेज चलने से रक्त संचरण तेज हो जायेगा और जहर सारे शरीर में जल्द फैल जयेगा। तुरंत बड़े अस्पाताल ले जाएॅ। यदि जहरीले सर्प ने काटा है तो ।एंटी वेनम का इजेक्शन डाक्टर से लगवाएं।
*क्या न करें।*
बर्फ अथवा अन्य गर्म पदार्थ का इस्तेमाल काटे गये स्थान पर न करें। सर्प से प्रभावित व्यक्ति के कटे स्थान पर टुर्निकेट  ( तेज कपडे से न बॉधे)। इससे संबंधित अंग में रक्त प्रवाह पूरी तरह रूक सकता है एवं संबंधित अंग की क्षति हो सकती है। काटे गये स्थल पर चीरा न लगाए। यह आगे नुकसान पहुॅचाता है। घायल को चलने से रोकें।  शराब/नींद आने की कोई दवा नहीं दें। मुंह से कटे हुये स्थान को न चुसे। मंत्र या तांत्रिक के झांसे में न आये। भय एवं चिन्ता न करें सभी सॉप जहरीले नहीं होते है। सभी जहरीले सॉपों के पास हर समय पूरा जहर नही होता अगर पूरा जहर हो तो भी वो इसका *प्पजींस लिथल डोज* हमेशा नहीं प्रवेश करा पातें है। सॉप के काटने के उपरान्त काटने के निशान की जॉच करें।जॉच करें कि जहरीले या विषहीन सॉप ने काटा है। सॉप के विष के अनुसार एंटी वेनम (इंजेक्शन) लगवाया जाय। विषहीन सॉप के काटने से भी घाव के आसपास सुजन और खुजलाहट होती है।
आपदा विशेषज्ञ डॉक्टर चंदन कुमार ने जहरीले सर्प के काटने से उत्पन्न होने वाले लक्षणों के बारे में बताया
जहरीले सर्प के काटने पर लक्षण-
स्पैक्टेक्लैड कोबरा
रूधितंत्र पर असर करने वाले जहर
काटे गये जगह पर दर्द, नींद आना
सांस लेने में परेशानी/बंद होती पलकें
नेक्रोसिस (शरीर के कोषिकाओं की मृत्यु), पक्षाघात, मुॅह पर झाग का आना, निगलने में परेशानी होती है।
कामन करैत
रूधितंत्र पर असर करने वाला जहर
नींद आना सांस लेने में परेशानी
बंद होती पलकें निगलने में परेशानी पक्षाघात जी मिचलाना पेट में अत्यधिक दर्द होता है।
स्केल्ड वाइपर
उत्तक को नष्ट करने वाला जहर
काटे गये स्थान पर जलन एवं दर्द। पीठ के निचले भाग एवं लोइन (पसली एवं कमर के हड्डी के बीच वाली जगह पर दर्द) मानसिक क्षति के कारण आन्तरिक कोषिकाओं एवं वाह्य कोषिकाओं में रक्तस्राव। अत्यधिक सूजन। काटे गये स्थान पर तेजी से जलन। अत्यधिक नेक्रोसिस (शरीर के कोषिकाओं की मृत्यु)
दो कारणों से सॉप काटते है।आहार (भोजन) के लिये, भय और आत्मरक्षा के लिये
सॉप को दूर रखने के तरीके
सॉप के बिल में कार्बोलिक एसिड डाल दें, उसके गंध से सॉप दूर हो जाते है। सॉप काटने से मृत व्यक्तियों में से आधे से अधिक लोग विषहीन सर्प के काटने से मरते है। सर्पदंस के बारे में जानकारी ही बचाव है।
जन अपील (करंे प्रशिक्षित, रहें सुरक्षित)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button