आजमगढ़ में कुएं की खुदाई में निकले पातालपुरी  महादेव  की शिवलिंग

Azamgarh news:Patalpuri Mahadev's Shivaling found while digging a well

आजमगढ़ 21 जुलाई, निजामाबाद कस्बे में स्थित तमसा नदी के किनारे महादेव घाट पर पातालपुरी शिवलिंग स्थित है जो हिंदू आस्था का एक बड़ा केंद्र है ।प्रत्येक सोमवार और सावन में यहां बाबा के दर्शन पूजन को श्रद्धालुओं का रेला उमड़ता है। लोगों का कहना है कि लगभग 500 वर्ष पहले क्षेत्र में अकाल पड़ा था अकाल के दौरान राजा ने जनता की प्यास बुझाने के लिए कुआं खुदवाने का आदेश दिया। तमसा नदी के किनारे महादेव घाट पर जब मजदूर खुदाई के लिए नीचे गए तो वहीं पर शिवलिंग के आकार का पत्थर मिला जब उसे हटाने के लिए मिट्टी हटाने का कार्य शुरू किया तो शिला जैसे जैसे नीचे जाती चौड़ी होती गई काफी प्रयास के बाद देखा गया कि शिला  शिवलिंग के रूप में थी। वहां मौजूद एक साधु ने उसे न हटाने की सलाह दी और उसे शिवलिंग के रूप में पूजने की सलाह दी। जैसे इस शिला के पूजन की प्रक्रिया पूरी हुई तो क्षेत्र में जमकर बरसात हुई तब से यह स्थान भगवान भोलेनाथ के पातालपुरी महादेव के नाम से चर्चा में आया । यह स्थान हिंदू आस्था  का एक बड़ा केंद्र बन गया ।पातालपुरी महादेव मंदिर तमसा नदी किनारे निजामाबाद कस्बे में स्थित है। आज भी भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन आते हैं ।सावन के महीने में महादेव घाट मंदिर पर तमसा नदी से जलाभिषेक करने के बाद यहां से कांवरियों का जत्था दुर्वासा धाम, मार्कण्डेय महादेव काशी विश्वनाथ, बैजनाथ धाम, महाकाल उज्जैन तक श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए जाते हैं। मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से महादेव मंदिर पर जलाभिषेक करता है तो उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। प0 हरिहर प्रसाद पाठक,भोला नाथ पाठक ने बताया कि पीढ़ी दर पीढ़ी हम लोग आज भी महादेव मंदिर पर जलाभिषेक करते हैं। यहां पर जलाभिषेक करने वालों की हर मनोकामना पूर्ण होती है। मंदिर तक आने का मार्ग काफी पतला और सकरा है जिससे श्रद्धालुओं को काफी परेशानी होती है। महादेव घाट जाने वाले मार्ग को चौड़ीकरण  कराया जाए और इस स्थान को  पर्यटक स्थल घोषित किया जाए।

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