पवित्र श्रावण मास में शिव कथा का शुभारंभ हिन्दू आस्था के केंद्र पवित्र ग्रंथ श्रीराम चरित मानस के पूजन एवं श्री गणेश,मां सरस्वती जी की वन्दना के साथ हुआ

Azamgarh news:In the holy month of Shravan, Shiv Katha was started with the worship of the holy book Shri Ram Charit Manas, the center of Hindu faith, and the worship of Shri Ganesh and Mother Saraswati.

तहसील संवाददाता सत्येन्द्र सिंह
लालगंज/आजमगढ़, पवित्र श्रावण मास में शिव कथा का शुभारंभ शगुन मैरेज हॉल में रामभद्राचार्य जी महाराज के प्रिय शिष्य पंडित कौशल किशोर जी महाराज ने हिन्दू आस्था के केंद्र पवित्र ग्रंथ श्रीराम चरित मानस के पूजन एवं श्री गणेश,मां सरस्वती जी की वन्दना के साथ किया। कार्यक्रम का शुभारंभ चीनी मिल संघ लिमिटेड उत्तर प्रदेश के उप सभापति ऋषिकांत राय ने सपत्नीक दीप प्रज्ज्वलित कर किया । उनके साथ कार्यक्रम के संयोजक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रमुख उमाशंकर मिश्र, पूर्व प्रधानाचार्य ओम प्रकाश सिंह तिलखरा ,संजय जायसवाल, मंडल अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह, कृष्ण कुमार मोदनवाल,प्रेम जी,आदि लोग विशेष रूप से थे।पंडित कौशल किशोर जी महाराज ने कहा कि श्री रामचरितमानस में तुलसीदास जी ने भगवान भोलेनाथ की आराधना करते हुए कहा है कि आशुतोष तुम अवढ़र दानी,आरति हरहु दीन जनु जानी।भगवान भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होने वाले हैं और अपने भक्तों को सब कुछ देने वाले हैं।शिव कथा के प्रसंग में ही भारद्वाज ऋषि का वर्णन, प्रयागराज की महिमा आदि का वर्णन करते हुए कथावाचक ने कहा कि भारद्वाज मुनि बसहिं प्रयागा,तिन्हहिं राम पद अति अनुरागा।माघ मकररगत रबि जब होईं, तीरथपतिहिं आव सब कोई। देव दनुज किंनर नर श्रेनीं, सादर मज्जहिं सकल त्रिवेनीं।त्रिवेणी स्नान के पश्चात भारद्वाज ऋषि, याज्ञवल्क्य ऋषि से पूछते हैं -प्रभु सोई राम कि अपर कोउ, जाहि जपत त्रिपुरारी सत्यधाम सर्बग्य तुम्ह, कहहु विवेकु विचारि। याज्ञवल्क्य ऋषि ने कहा अब मैं अपनी बुद्धि के अनुसार वही उमा और शिव जी का संवाद कहूंगा।वह जिस समय और जिस हेतु से हुआ, उसे हे मुनि।तुम सुनो, तुम्हारा विषाद मिट जाएगा।उन्हीं दिनों पृथ्वी का भार उतारने के लिए श्री हरि ने रघुवंश में अवतार लिया था। तेहि अवसर भंजन महि भारा, हरि रघुबंश लीन्ह अवतारा। श्री शिव जी ने उसी अवसर पर श्री राम जी को देखा और उनके हृदय में बहुत भारी आनंद उत्पन्न हुआ। जय सच्चिदानंद जग पावन, अस कहि चलेउ मनोज नसावन। उसके बाद पार्वती जी के मन में संदेह पैदा होना ।सती के रूप में भगवान राम के सामने जाना आदि प्रसंगों को कथावाचक पंडित कौशल किशोर जी महाराज ने सरस,मनोहारी रूप से प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया। प्रसिद्ध कथावाचक ने अपने मधुर गीतों, प्रस्तुतियों के माध्यम से श्रोताओं पर अमिट छाप छोड़ी है। श्री शिव कथा में भगवान भोलेनाथ के दिगंबर रूप ,सती का जन्म, नारद जी द्वारा सती के जीवन के संदर्भ में भविष्यवाणी करना, सती की कठोर प्रतिज्ञा -जन्म कोटि लगि लंगर हमारी, बरऊं सम्भु न त रहउं कुआरी आदि का इतना सुंदर प्रस्तुतीकरण बहुत कम कथावाचक ही कर पाते हैं।कथावाचक कौशल किशोर जी जी ने कहा कि पंच दिवसीय श्री शिव जी की कथा 30 जुलाई को प्रारम्भ हुई है। जो प्रतिदिन सायं 7 बजे से रात्रि 10बजे तक चलेगी । कथा का समापन 3 अगस्त को होगा। इसी बीच एक दिन सामूहिक रुद्राभिषेक कार्यक्रम भी आयोजन होगा। उसमें जो लोग भाग लेना चाहते हैं ,अपना नाम नोट करा दें। कथा वाचक ने क्षेत्रीय नागरिकों, बुद्धिजीवियों,पत्रकार बंधुओ से प्रतिदिन कथा श्रवण करने की अपील की। इस अवसर पर आचार्य कृष्ण मुरारी दुबे जी, भजन गायक निर्भय गाज़ीपुरी, प्रीतेश तिवारी, तबला वादक शिवाजी आदि लोग विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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