Deoria news, विश्वविद्यालय के बार-बार आदेशों से महाविद्यालयों व विद्यार्थियों की बड़ी मुश्कि
विश्वविद्यालय के बार-बार आदेशों से महाविद्यालयों व विद्यार्थियों की बढ़ी मुश्किलें।
देवरिया।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों में इस बार प्रवेश प्रक्रिया ‘समर्थ पोर्टल’ के माध्यम से कराए जाने के विश्वविद्यालय आदेश ने छात्रों और कॉलेज प्रशासन दोनों के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है।
विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी पत्रांक सं. सम्बद्धता/2025/10/7357 दिनांक 10 अक्टूबर 2025 के अनुसार शैक्षिक सत्र 2025–26 के प्रथम सेमेस्टर में सभी छात्रों के प्रवेश की प्रक्रिया 10 अक्टूबर से 17 अक्टूबर 2025 तक समर्थ पोर्टल पर ही की जानी है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि निर्धारित समय सीमा में प्रवेश प्रक्रिया पूरी न होने पर छात्र का प्रवेश मान्य नहीं होगा और उसकी परीक्षा विश्वविद्यालय द्वारा नहीं कराई जाएगी।तकनीकी दिक्कतों ने बढ़ाई परेशानी पोर्टल के शुरू होते ही छात्रों और कॉलेजों को अनेक तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कहीं लॉगइन नहीं खुल रहा, कहीं सर्वर डाउन है, तो कहीं ओटीपी नहीं आ रहा। कई कॉलेजों में तो पोर्टल पर “invalid credentials” या “request timeout” जैसी त्रुटियाँ लगातार आ रही हैं।
बाबा राघवदास भगवानदास स्नातकोत्तर महाविद्यालय के एक छात्र दिव्यांशु कुमार ने कहा कि हम लोगों ने कई बार पोर्टल पर लॉगइन करने की कोशिश की, पर पेज खुल ही नहीं रहा। सर्वर डाउन है। ऐसे में 17 अक्टूबर तक प्रवेश पूरा करना मुश्किल लग रहा है। इसी महाविद्यालय के छात्र अनिकेत द्विवेदी ने कहा कि पहल अपार फिर डीडीयूआरएन और अब यह समर्थ पोर्टल पर फार्म भरने का विश्वविद्यालय का फरमान काफी परेशान कर दिया है।
महाविद्यालय प्रशासन भी उलझन में
ग्रामीण क्षेत्रों के अनेक महाविद्यालय के अध्यापकों का कहना है कि विश्वविद्यालय द्वारा बार-बार नए-नए आदेश जारी किए जा रहे हैं, जिससे कॉलेज प्रशासन भ्रमित है। एक प्राचार्य ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि ‘कभी प्रवेश प्रक्रिया की अंतिम तिथि बदल जाती है, कभी शुल्क भुगतान का तरीका, तो कभी पोर्टल का लिंक ही बदल जाता है। इससे महाविद्यालयों को छात्रों की जानकारी अपलोड करने में भारी कठिनाई हो रही है।’
शिक्षाविदों ने जताई चिंता
शिक्षक डॉ० अरविन्द पाण्डेय का कहना है कि डिजिटल प्रणाली का उद्देश्य पारदर्शिता और एकरूपता लाना है, परंतु जब तक तकनीकी ढाँचा सुदृढ़ नहीं होगा और निर्देश स्पष्ट नहीं होंगे, तब तक यह प्रक्रिया विद्यार्थियों के लिए परेशानी का कारण बनी रहेगी।
छात्र संगठनों की मांग छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से माँग की है कि समर्थ पोर्टल पर प्रवेश प्रक्रिया समाप्त किया जाए ताकि कोई भी छात्र प्रवेश से वंचित न रहे।
उधर विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपने-अपने महाविद्यालयों से संपर्क कर समर्थ पोर्टल पर प्रवेश की प्रक्रिया पूरी कर लें, क्योंकि अंतिम तिथि के बाद किसी भी स्थिति में प्रवेश स्वीकृत नहीं किया जाएगा।