Azamgarh news:भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष निखिल राय पर गंभीर आरोप
Serious allegations against Bharatiya Janata Party Yuva Morcha district president Nikhil Rai
आजमगढ़ बलरामपुर से बबलू राय
आजमगढ़ जनपद के बेलईसा (नीबी)निवासी फ्यूचरिस्टिक फाउंडेशन ऑफ एडवांस स्टडीज एंड रिसर्च के चेयरमैन रोकेश गांधी ने भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष निखिल राय पर गंभीर आरोप लगाते हुए पूरे जिले की राजनीति में हलचल मचा दी है। राकेश गांधी ने रविवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि 28 सितंबर 2025 की सुबह करीब 9:30 बजे निखिल राय ने उन्हें मोबाइल फोन पर जान से मारने की धमकी दी और उनके घर पर बुलडोज़र चलवाने की बात कही। गांधी का आरोप है कि इसके तुरंत बाद, निखिल राय अपने साथियों के साथ पहुंचे और राकेश गांधी की जमीन पर रखें एक ट्राली ईंट को जबरन उठा ले गये। राकेश गांधी के अनुसार, 29 सितंबर 2025 को थाना पर इस घटना की लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन पुलिस द्वारा कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। राकेश गांधी ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच के बजाय दोनों पक्षों के बीच बातचीत का सुझाव दिया गया, जो उन्हें न्याय से वंचित करने जैसा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि निखिल राय की राजनीतिक हैसियत के कारण पुलिस ने जांच में लापरवाही बरती और उन्हें संरक्षण देने की कोशिश की। राकेश गांधी ने कहा कि यह न सिर्फ धमकी का मामला है, बल्कि यह अपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है। रोकेश गांधी ने कहा कि अगर निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो वे न्याय के लिए कोर्ट की शरण लेंगे। उन्होंने कहा इस मामले में सत्तारूढ़ दल के पदाधिकारियों द्वारा प्रशासन पर दबाव डाला जा रहा है, जिससे हमें न्याय नहीं मिल पा रहा। इस बीच भाजपा युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष निखिल राय से मीडिया द्वारा पूछने पर बताया गया कि रोकेश गांधी के आरोप पूरी तरह निराधार है। निखिल राय का कहना है कि राकेश गांधी लगातार भूमि विवादों में उलझे रहते हैं और बेबुनियादी आरोप लगाकर अपनी छवि बचाने की कोशिश कर रहे हैं। निखिल राय ने कहा कि, गांधी ने जिस भूमि का विवाद बताया है, वह सरकारी भूमि है और वहां अन्य लोगों का भी स्वामित्व दावा चल रहा है। यह मामला राजस्व न्यायालय में विचाराधीन है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस घटना ने पुलिस और प्रशासन की निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। क्षेत्र में चर्चा है कि यदि जांच निष्पक्ष न हुई, तो यह मामला राजनीतिक रूप से बड़ा रूप ले सकता है।