Azamgarh news:रमजान माह होता है पाक महीना – बेलाल जावेद
आजमगढ़ -खुद को खुदा की राह में समर्पित कर देने का प्रतीक पाक महीना ‘माह-ए-रमजान’ न सिर्फ रहमतों और बरकतों की बारिश का वकफा है बल्कि समूची मानव जाति को प्रेम, भाईचारे और इंसानियत का संदेश भी देता है। मौजूदा हालात में रमजान का संदेश और भी प्रासंगिक हो गया है।आयरमानिस होटल शाहगंज के मैनेजर बेलाल जावेद ने कहा कि इस पाक महीने में अल्लाह अपने बंदों पर रहमतों का खजाना लुटाता है और भूखे-प्यासे रहकर खुदा की इबादत करने वालों के गुनाह माफ हो जाते हैं। इस माह में दोजख (नरक) के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं और जन्नत की राह खुल जाती है। रोजा अच्छी जिंदगी जीने का प्रशिक्षण है जिसमें इबादत कर खुदा की राह पर चलने वाले इंसान का जमीर रोजेदार को एक नेक इंसान के व्यक्तित्व के लिए जरूरी हर बात की तरबियत देता है। रमजान का महीना तमाम इंसानों के दुख-दर्द और भूख-प्यास को समझने का महीना है ताकि रोजेदारों में भले-बुरे को समझने की सलाहियत पैदा हो।