बादल के बरसने से किसान खुशहाल।
विनय मिश्र,जिला संवाददाता
बरहज, देवरिया। दो दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण किसानों के चेहरे पर खुशी दिखाई दे रही है। पूर्वांचल के अधिकतम गांव एवं क्षेत्र में वारिस ना होने के कारण सुखा की हालत हो गई थी किसान परेशान थे वारिस ना होने के कारण धान की पैदावार पर भी काफी असर पड़ता है कुछ किसान धान की फसल को बचाने के लिए प्राइवेट ट्यूबवेल का सहारा लेकर के सिंचाई कर रहे थे। कुछ छोटे किसान अपने धान की खेती मैं सिंचाई करने में असमर्थ थे धान की फसल काफी खराब हो गई थी जिसको लेकर किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें गाड़ी हो गई थी। उनको लग रहा था कि इस वर्ष धान की पैदावार नहीं होगी और सुखा का मार झेलना पड़ेगा ।
लेकिन मौसम के बदलते मिजाज ने दो दिन से लगातार हो रही बारिश ने किसानों के चेहरे पर खुशी ला दी है । किसान काशी पति शुक्ला ने बताया कि बारिश न होने के कारण धान की फसल सूख रही थी जिसको लेकर हम काफी परेशान थे अगर बारिश नहीं होता तो धान की खड़ी फसल खेत में सूख जाती जिससे काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता ।
तेलिया गांव निवासी प्रदीप कुमार ने बताया कि 2 दिन पहले जैसे मौसम था इससे अंदाजा लगाया जा रहा था इस वर्ष बारिश नहीं होगी सुखे की मार झेलना पड़ेगा कई जनपद के किसान तो सरकार की तरफ आस लगाए बैठे थे की क्षेत्र को सुखा कब घोषित किया जाएगा । जिले को सूखा घोषित होने के कारण लघु एवं सीमांत किसानों को शासन से आर्थिक मदद मिलता है किसानों को लग रहा था कि अब महीनों से बारिश न होने के कारण जनपद को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया जाएगा लेकिन दो दिन से बदलते मौसम के मिजाज ने करवट बदला और मौसम खुश गवार हो गया।
लवरछी गांव के निवासी राजाराम यादव ने बताया कि वारिस के मौसम के लौट आने से किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई है धान की फसल के लिए वारिस होना बहुत जरूरी है नहीं तो खेतों में पानी चला करके धान की पैदावार अच्छी नहीं काटी जा सकती धान की फसल के लिए नाम जलवायु आवश्यक है।