बाराबंकी लोकसभा सीट पर दिलचस्प चुनावी लड़ाई के आसार, जानें कैसा रहा है चुनावी इतिहास?
Interesting election battle prospects for Barabanki Lok Sabha seat, know how has been the election history?
बाराबंकी: उत्तर प्रदेश की बाराबंकी लोकसभा सीट पर जीत-हार को लेकर राजनीतिक गुणा-भाग का दौर जारी है। इस सीट पर किसी एक दल का कब्जा नहीं रहा है। इस सीट पर पांचवें चरण के तहत 20 मई को मतदान होना है।
बाराबंकी, 19 मई : उत्तर प्रदेश की बाराबंकी लोकसभा सीट पर जीत-हार को लेकर राजनीतिक गुणा-भाग का दौर जारी है। इस सीट पर किसी एक दल का कब्जा नहीं रहा है। इस सीट पर पांचवें चरण के तहत 20 मई को मतदान होना है।
इस सीट के सियासी मिजाज की बात करें तो कभी यहां कांग्रेस का कब्जा रहा तो कभी बाराबंकी के रास्ते निर्दलीय को लोकसभा पहुंचने का मौका मिला। सबसे ज्यादा पांच बार कांग्रेस को जीत मिली। उसके बाद तीन बार भाजपा प्रत्याशी जीते। मौजूदा सांसद उपेंद्र रावत के चुनावी मैदान से हटने के बाद भाजपा ने राजरानी रावत पर दांव लगाया है।
1952 में हुए पहले चुनाव में बाराबंकी से कांग्रेस के मोहनलाल सक्सेना सांसद बने। फिर, 1957 में कांग्रेस के स्वामी रामानंद शास्त्री जीते। लेकिन, उपचुनाव में समाजवादी नेता राम सेवक यादव ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जीत हासिल की। उन्होंने 1962 में डॉ. लोहिया की सोशलिस्ट पार्टी से और फिर 1967 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उसके बाद 1971 में कांग्रेस ने वापसी की और रुद्र प्रताप सिंह सांसद बने।
यहां से 1977 और 1980 में जनता पार्टी के राम किंकर लोकसभा पहुंचे। जबकि, इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में फिर कांग्रेस को जीत मिली और कमला प्रसाद रावत सांसद बने। 1989 में राम सागर रावत जनता दल के टिकट पर चुनाव जीते। वह 1991 में समाजवादी जनता पार्टी और फिर 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीते।
बाराबंकी में 1998 में बैजनाथ रावत ने भाजपा का खाता खोला, अगले ही साल 1999 में हुए चुनाव में फिर सपा के राम सागर रावत जीत गए। 2004 में बसपा के कमला प्रसाद रावत जीते। 2009 में कांग्रेस ने पीएल पुनिया को टिकट दिया और उन्होंने जीत हासिल की। इस सीट पर 2004 में भाजपा की प्रियंका सिंह रावत जीतीं और 2019 में भाजपा के ही उपेंद्र सिंह रावत सांसद बने।
इस सीट पर लगातार तीन बार कोई पार्टी नहीं जीत सकी है। कहने का मतलब है कि किसी भी दल ने सियासी हैट्रिक नहीं लगाई है। इस सीट पर भाजपा ने पहले उपेंद्र रावत को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन, एक वीडियो विवाद के बाद उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। बाराबंकी लोकसभा सुरक्षित सीट पर बीजेपी ने वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत को प्रत्याशी घोषित किया है। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस के प्रत्याशी तनुज पुनिया ताल ठोंक रहे हैं।
बाराबंकी सुरक्षित सीट है। ऐसे में दलित वोटर जीत-हार तय करते हैं। इसके अलावा यादव, कुर्मी और मुस्लिम वोटर्स भी काफी अहम हैं।
बाराबंकी सीट पर कांग्रेस ने पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया को चौथा मौका दिया है। तनुज लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं।