मईल थानेदार के दुर्व्यवहार से अन्य लोग भी हैं पीड़ित ।

जिला संवाददाता, विनय मिश्र,देवरिया।

मईल थानेदार के अमर्यादित व्यवहार की पीड़ा से अन्य लोग भी पीड़ित हैं।

मईल थानेदार गोरखनाथ सरोज की निरंकुशता,लापरवाही, मनमानी और अमर्यादित दुर्व्यवहार के कारण पीड़ित थाने में फरियाद लेकर जाने से कतरा रहे हैं। थानेदार द्वारा अपमानित होने वाले कुछ पीड़ितों को उम्मीदों की संजीवनी मिली और उन्होंने मईल थानेदार द्वारा अमर्यादित व्यवहार करने की पीड़ा को बयां किया। अपनी पीड़ा बताने वालों में मईल थाना क्षेत्र के कपुरी एकौना गांव निवासी एवं सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी में कार्यरत सामाजिक व्यक्तित्व के धनी रामनयन मणि त्रिपाठी, भागलपुर गांव निवासी रोशन यादव उर्फ भोला, बलिया दक्षिण गांव निवासी आदित्य देव पाण्डेय आदि शामिल हैं। आप को बताते चलें कि पुलिस का रूल्स रेगुलेशन मईल थानेदार के अंगूठे पर रहता है। उदाहरण के तौर पर देखिए, छः माह पूर्व इनका सीयूजी नंबर इनके प्राइवेट चहेते द्वारा रिसीव करने का मामला भी जोर-शोर से प्रकाश में आया था। पुलिस के डीजीपी लखनऊ ने इसे गंभीरतापूर्वक लेते हुए तत्कालीन सीओ बरहज अंशुमान श्रीवास्तव को इसकी जांच सौंपी थी। पुलिस के उच्चाधिकारियों ने इस मामले को दबा कर रफा-दफा कर दिया। दूसरी घटना भागलपुर की है जिसमें वह सिविल ड्रेस पहन कर बगैर महिला सिपाहियों ओ साथ लिए युवती और उसके नाबालिक मौसेरे भाई को पीटने के आरोपों से घिरे होने का है। इस मामले में भी डीआईजी ने सीओ बरहज आदित्य कुमार गौतम को जांच सौंपा है। मईल थानेदार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी या पुलिस के अधिकारी पूर्व की तरह क्लीन चिट दे देंगे, आम जनमानस की निगाहें पुलिस उच्चाधिकारियों पर टिकी हुई हैं।

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