आजमगढ़:स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा, CMO और डिप्टी CMO पर भाजपा जिलाध्यक्ष ने लगाए गंभीर आरोप, DM को सौंपी सबूतों के साथ शिकायत
Azamgarh: Big disclosure of corruption in health department, BJP district president made serious allegations against CMO and Deputy CMO, submitted complaint with evidence to DM
आजमगढ़। जनपद की चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था और गहराते भ्रष्टाचार पर भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष ध्रुव कुमार सिंह ने बड़ा हमला बोला है। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. अशोक कुमार और डिप्टी CMO डॉ. अरविंद चौधरी पर फर्जी नियुक्तियों, अवैध वसूली और संगठित भ्रष्टाचार में लिप्त होने के गंभीर आरोप लगाए हैं। ध्रुव सिंह ने इस संबंध में जिलाधिकारी को साक्ष्यों सहित विस्तृत शिकायती पत्र सौंपते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
भाजपा जिलाध्यक्ष ने दावा किया कि स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि बिना रिश्वत दिए कोई काम नहीं हो रहा। उन्होंने कहा, “आजमगढ़ की स्वास्थ्य सेवाएं न केवल लापरवाही का शिकार हैं, बल्कि अब ये भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुकी हैं। CMO और डिप्टी CMO के संरक्षण में लूट का खुला खेल चल रहा है।”
निजी अस्पतालों से मोटी वसूली, ऑडियो रिकॉर्डिंग सौंपने का दावा
ध्रुव सिंह ने बताया कि डिप्टी CMO डॉ. अरविंद चौधरी को लेवल-3 के चिकित्सक होने के बावजूद निजी अस्पतालों का नोडल अधिकारी बना दिया गया, जबकि जिले में लेवल-4 के डॉक्टर उपलब्ध हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि डॉ. चौधरी ने पहले दर्जनों निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी और क्लीनिक को सीज करवाया और फिर उन्हीं से ₹20,000 से ₹50,000 प्रति माह तक की वसूली की गई।
इतना ही नहीं, ध्रुव सिंह ने यह भी कहा कि इन अवैध वसूली की बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी साक्ष्य के रूप में जिलाधिकारी को सौंपी गई है, जो पूरी साजिश की पोल खोलती है।
आउटसोर्सिंग घोटाला और पुलिस मेडिकल में उगाही
शिकायती पत्र में उल्लेख किया गया है कि डॉ. अशोक कुमार और डॉ. अरविंद चौधरी की मिलीभगत से स्वास्थ्य विभाग में 100 से अधिक आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की फर्जी नियुक्तियां की गईं, जिनमें प्रत्येक से ₹2.5 लाख से ₹3 लाख तक की वसूली की गई। इसके अलावा, पुलिस भर्ती में मेडिकल रिपोर्ट बनाने के नाम पर लाखों रुपये की अवैध वसूली का भी खुलासा हुआ है।
न्यू आयुष नर्सिंग होम का मामला बना जांच का केंद्र
ध्रुव सिंह ने विशेष रूप से न्यू आयुष नर्सिंग होम, लालगंज का मामला उठाया, जिसे CMO के आदेश पर सीज किया गया था। लेकिन आरोप है कि डॉ. अरविंद चौधरी ने अस्पताल संचालक अभिषेक कुमार सरोज से ₹70,000 की रिश्वत लेकर दोबारा संचालन की अनुमति दी। यह भी आरोप है कि अभिषेक के पास कोई वैध मेडिकल डिग्री नहीं है, फिर भी उसे फर्जी डॉक्टर बनाकर अस्पताल का रजिस्ट्रेशन कराया गया।
इस रिश्वत की बातचीत की रिकॉर्डिंग भी जिलाधिकारी को सौंपी गई है।
18 वर्षों से जमे रहने पर उठाया सवाल
भाजपा जिलाध्यक्ष ने यह भी सवाल उठाया कि डॉ. अरविंद चौधरी पिछले 18 वर्षों से आजमगढ़ में जमे हुए हैं, जो सेवा नियमों के विपरीत है। उन्होंने इस ‘स्थायी पोस्टिंग’ पर उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा, “जब तक ऐसे भ्रष्ट अफसर जिले में बने रहेंगे, तब तक स्वास्थ्य सेवाएं सुधार नहीं सकतीं।”
जांच टीम गठित, तीन अधिकारियों की टीम करेगी सत्यता की पड़ताल
जिलाधिकारी के निर्देश पर इस पूरे मामले की जांच के लिए मुख्य विकास अधिकारी (CDO) परीक्षित खटाना के नेतृत्व में डीडीओ संजय कुमार सिंह और मुख्य कोषाधिकारी अनुराग श्रीवास्तव की तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आरोपों की पुष्टि होगी और आगे की कार्रवाई की जाएगी।