आजमगढ़:प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर, पेयरिंग ,व बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ चल रहे आंदोलन को किसान संगठनों ने दिया समर्थन

रिपोर्ट: रोशन लाल

आज़मगढ़, 27 जून : किसान संगठनों ने प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर और पेयरिंग के खिलाफ़ और बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ चल रहे आंदोलन में पहुंचकर समर्थन किया।किसान नेताओं ने जाफरपुर स्थित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर हो रहे धरने का समर्थन करते हुए कहा कि प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर और पेयरिंग का आदेश शिक्षा के अधिकार कानून का उल्लंघन है क्योंकि कानून के मुताबिक प्राथमिक कक्षा के छात्रों के लिए विद्यालय की दूरी 1 किलोमीटर के अंतर्गत होनी चाहिए। आवश्यकता तो यह है कि और विद्यालय बने लेकिन मर्जर और पेयरिंग की प्रक्रिया से निजीकरण को बढ़ावा देने की कोशिश है। विद्यालयों में छात्रों की संख्या कम होने का कारण मूलभूत सुविधाओं की कमी है और इस ज़िम्मेदारी से सरकार भाग रही है जिसकी वजह से गरीब वर्ग से आने वाले बच्चों का भविष्य खतरे में है। सरकार के इस निर्णय से एक बड़ा तबका जो शिक्षक बनने की प्रतियोगिता में है उनका जीवन बेरोज़गारी में ही बीतेगा।सिधारी हाइडल स्थित बिजली कर्मचारियों के धरने में पहुंचकर किसान नेताओं ने कहा कि देश के किसानों ने सरकार को ज़मीनें इसलिए नहीं दी थी कि वो इसका निजीकरण कर कंपनियों के हवाले कर दे। सिधारी चौराहे पर विद्युत कर्मियों ने पकौड़ा तलकर यह संदेश दिया कि सरकार निजीकरण कर देश के भविष्य से सड़क पर पकौड़ा तलवाएगी। यह लड़ाई सिर्फ विद्युत कर्मियों की नहीं बल्कि करोड़ों उपभोक्ताओं और बेरोजगारों की है। इस लड़ाई को किसान संगठनों का पूरा समर्थन है।सोशलिस्ट किसान सभा महासचिव राजीव यादव, पूर्वांचल किसान यूनियन महासचिव वीरेंद्र यादव, एनएपीएम से राज शेखर, अधिवक्ता विनोद यादव, अवधेश यादव, सोशलिस्ट किसान सभा के श्याम सुंदर मौर्या और नंदलाल यादव शामिल रहे।

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