आजमगढ़ में अखिलेश यादव के मंच पर वरिष्ठ विधायक आलमबदी आजमी के साथ कथित दुर्व्यवहार,वीडियो वायरल

Alleged misbehavior with senior MLA Alambadi Azmi on Akhilesh Yadav's stage in Azamgarh, video goes viral

आजमगढ़, 4 जुलाई:समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आजमगढ़ दौरे के दौरान मंच पर एक अप्रिय दृश्य देखने को मिला, जिसने पार्टी के अंदरूनी माहौल को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में वरिष्ठ विधायक और निजामाबाद से कई बार विधायक रहे बुजुर्ग नेता आलमबदी आजमी को कार्यक्रम के दौरान मंच से पीछे धकेला जाता देखा गया।यह घटना उस समय हुई जब अखिलेश यादव सपा के नवनिर्मित कार्यालय एवं आवास ‘पीडीए भवन’ के उद्घाटन समारोह में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।कार्यक्रम के समापन पर अखिलेश यादव का स्वागत एक विशाल माला से किया जा रहा था। मंच पर उपस्थित सांसद, विधायक और अन्य पदाधिकारी माल्यार्पण में हिस्सा लेने के लिए आगे बढ़ने लगे। इसी दौरान वरिष्ठ विधायक आलमबदी आजमी भी माला पहनाने के लिए आगे आए, लेकिन उन्हें कथित तौर पर सांसद धर्मेंद्र यादव द्वारा रोका गया।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब आलमबदी आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे, तो विधायक संग्राम यादव ने उन्हें हल्का धक्का देकर किनारे किया। इसके बाद एक अन्य कार्यकर्ता ने उन्हें पूरी तरह पीछे कर दिया। यह सब कुछ मंच पर अखिलेश यादव की मौजूदगी में हुआ और वहां मौजूद लोगों ने इसे कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया। वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला तूल पकड़ रहा है।

राजनीतिक गलियारों में नाराजगी, वरिष्ठ विधायक का अपमान?

राजनीतिक विश्लेषकों और सपा समर्थकों के बीच इस घटना की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। पार्टी के भीतर अनुशासन और वरिष्ठ नेताओं के सम्मान को लेकर सवाल उठने लगे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यदि पार्टी के बुजुर्ग और ईमानदार नेताओं को ऐसा व्यवहार झेलना पड़ेगा, तो यह सपा की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है, खासकर आगामी 2027 विधानसभा चुनाव को देखते हुए।बात यहीं खत्म नहीं होती। इससे पहले भी पार्टी मंचों पर असंतोष के स्वर सुनाई दिए थे। कुछ महीने पहले नेहरू हाल में आयोजित एक कार्यक्रम में गोपालपुर विधायक नफीस अहमद को बोलने से रोके जाने पर उन्होंने खुद को मुसलमान होने की वजह से दबाए जाने का आरोप लगाया था। अब आलमबदी आजमी के साथ हुए व्यवहार ने उस पुराने विवाद को भी फिर से चर्चा में ला दिया है।

चौराहे चट्टी पर वायरल वीडियो का बना रहा चर्चा का विषय

पार्टी में अनुशासन और वरिष्ठ नेताओं के सम्मान को लेकर यह घटना निश्चित ही एक चेतावनी है। यदि पार्टी अपने अंदरूनी ताने-बाने को समय रहते सुदृढ़ नहीं करती, तो यह घटनाएं जमीनी कार्यकर्ताओं और आम समर्थकों के बीच असंतोष बढ़ा सकती हैं। वहीं, सपा के शीर्ष नेतृत्व के लिए भी यह एक मौका है कि वह पार्टी के बुजुर्ग नेताओं के अनुभव और सम्मान को प्राथमिकता दे।

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