Azamgarh news:पशु चिकित्सा सेवा ठप: घायल बछिया तड़पती रही, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

Azamgarh :Villagers protest when the veterinary doctor does not arrive for treatment

अहरौला/आजमगढ़। शनिवार को पकड़ी गांव में एक छुट्टा बछिया को आवारा कुत्तों द्वारा घेर कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया गया जिससे बछिया खेत में गिर कर तड़पती रही सुबह जब ग्रामीणों ने देखा तो 1962 पर फोन करते रहे ग्रामीणों की मानें तो 1962 से संसाधनों की उपलब्धता न होने की बात कहते रहे और नजदीकी पशु चिकित्सालय पर ले जाने को कहते रहे ग्रामीणों की मानें तो दर्जन भर बार 1962 एम्बुलेंस पर फोन किया गया।जब दोपहर तक एम्बुलेंस नहीं पहुंची तो राजकीय पशु चिकित्सालय अहरौला पर फोन किया जहां से कमपाऊन्डर द्वारा पशु चिकित्सा प्रभारी का नंबर दिया गया उसके बाद भी दोपहर दो बजे तक कोई चिकित्सक इलाज को नहीं पहुंचा बछिया दर्द से तड़पती रही जब ग्रामीणों धैर्य जबाब दे गया और बछिया का दर्द देखा नहीं गया तो विरोध में उतर गये पकड़ी गांव में ही प्रदर्शन किया कहां कि सुबह से दोपहर बीते गया सूचना के बाद भी उपचार को कोई नहीं पहुंचा यहां तक की एम्बुलेंस सेवा 1962 भी नहीं पहुची कहा कि टीककरण के लिए जो आता है एक पशु के टीकाकरण का बीस से चालीस रुपए लेता है वह भी टीकाकरण समय से नहीं होता जिसे लेकर नाराज ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया। ऐसा ही मामला में अहरौला कस्बा निवासी बाबूराम प्रजापति ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर बीते 18 जुलाई को दर्ज करा है बाबूराम प्रजापति के अनुसार उन्होंने अच्छी नस्ल की भैंस पाल रखी थी जिसकी कीमत एक लाख उनको मिल रही थी उसी का दुध बेचकर परिवार का भरण-पोषण करते थे अप्रैल में भैंस की तबीयत खराब हो गई तो अस्पताल पर जाकर सूचना दिया की भैंस को गलाघोंटू हो गया है जब कोई चिकित्सक नहीं पहुंचा तो फिर गया कई बार पशु चिकित्सालय पर गया तो डाक्टर नहीं मिले तो कम्पाउन्डर ने नाम पता एक छोटी डायरी पर नोट किया कहां आप के यहां कोई डाक्टर जायेगा ऐसा करते करते भेस 17 जुलाई को मर गई तो 18 जुलाई को गांव में टीम टीकाकरण को पहुंची जिसका हमने वीडियो भी बनाया और विरोध किया मुख्यमंत्री पोर्टल पर दोषियों पर कार्रवाई को शिकायत की है।इस संबंध में राजकीय पशु चिकित्सा प्रभारी डॉ संदीप कुमार ने बताया कि मैं तीन दिन अलौवा व तीन दिन अहरौला में रहता हूं स्टाफ की कमी है फिर भी जो भी मामले आते हैं वहां पहुंचने का प्रयास होता है। टीकाकरण मैं खुद जितना बन पा रहा है करवा रहा हूं। स्टाफ कमी के चलते की समस्या आ रही है।

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