आजमगढ़:विद्युत कर्मियों का निजीकरण व वेतन रोकने के फैसलों का विरोध धरना प्रदर्शन है जारी
Electricity workers are continuing their sit-in protest against the decisions of privatisation and withholding salaries
आजमगढ़। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उ०प्र०, राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन उ० प्र० एवं विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ उ० प्र० की आजमगढ़ इकाई द्वारा संयुक्त रूप से पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का किये जा रहे निजीकरण के विरोध में 33/11 के.वी. विद्युत उप केंद्र मुहम्मदपुर पर बिज़ली पंचायत का आयोजन किया गया। जैसा कि वर्तमान परिदृश्य में बिजली प्रत्येक जन की आवश्यकता बन चुकी है, आज के समय में विद्युत के बिना जीवन की कल्पना करना अत्यन्त कठिन है लेकिन वर्तमान समय में उ050 सरकार/ उर्जा प्रबन्धन विद्युत विभाग के दो निगमों को निजीकरण के माध्यम से पूँजीपतियों को सौंपने/बेचने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके विरोध में समस्त कर्मचारी लगभग आठ माह से आन्दोलनरत हैं। बिजली पंचायत के माध्यम से क्षेत्र की सामान्य जनता, सम्मानित उपभोक्ता, प्रतियोगी छात्रों, किसानों एवं बुनकरों को बिजली के निजीकरण से होने वाले नुकसान के बारे में अवगत कराने का काम किया गया। बिजली पंचायत के माध्यम से वक्ताओं ने यह बताया कि विद्युत निगमों के निजीकरण के उपरान्त प्रति यूनिट बिजली की दर काफी महंगी हो जायेगी, जिसे वहन करना सबके लिये कठिन हो जायेगा, बिजली का निजीकरण “हमारे समाज को वापस लालटेन / ढिबरी युग में जीने को विवश करेगा ।” निजीकरण से हमारे छात्रों के रोजगार के अवसर कम होंगे, महंगी बिजली से महँगाई प्रत्यक्ष रूप से बढ़ेगी घरेलू बजट भी बिगड़ जायेगा, बुनकरों एवं किसानों को मिलने वाली सब्सिडी युक्त बिजली समाप्त कर दी जायेगी, जिससे कुटीर उद्योग बन्द होंगे व कृषि उत्पादन बहुत बुरी तरह से प्रभावित होगा। हमारे देश की आजादी के समय नीति-नियंताओं ने यह निर्णय लिया था कि उर्जा क्षेत्र/बिजली विलासिता की वस्तु नहीं है, यह एक जनोपयोगी वस्तु है, जिसे सरकारी क्षेत्र/नियन्त्रण में रहनी चाहिये। आज की बिज़ली पंचायत की अध्यक्षता ई. निखिल शेखर सिंह एवं संचालन श्री प्रभु नारायण पाण्डेय “प्रेमी” ने किया। बालगोविन्द यादव ग्राम प्रधान – बघौरा इनामपुर, विनोद कुमार राव, ग्राम प्रधान -सुराई एवं अबु बकर ग्राम-फरिहाँ, चन्द्रधारी यादव ग्रामप्रधान- मैनपार पुर आदि जन प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित रहे। विभिन्न संगठनों की ओर से ई. उपेन्द्र नाथ चौरासिया, चन्द्र शेखर, जय प्रकाश यादव, धीरज पटेल, वीर विक्रम सिंह, राजू कुमार, काशी नाथ गुप्ता, गिरीश सिंह, संदीप चंद्र, महेश गुप्ता,चन्द्र शेखर यादव, नीरज त्रिपाठी, राम उजागिर पाल विनय मौर्या, अवधेश यादव, महानन्द, संदीप कुमार, हेमन्त यादव, रोशन यादव, रमाकान्त यादव, अजय यादव, सत्य कुमार आदि उपस्थित रहे।