Mau News:एसडीएम ने गोठा रामलीलाभवन के सामने खाली जमीन पर हक विवाद को लेकर भूमि कुर्क करने का दिया आदेश।
Mau. There is a serious dispute going on between two parties Ajay Kumar Upadhyay etc. vs Praveen Rai alias Ghammu etc. regarding the RCC work etc. on the vacant land of population category 6(2) in front of Ramlila Bhawan in village Gotha of Ghosi tehsil area, due to which there is a possibility of disturbance of public peace.
घोसी।मऊ। घोसी तहसील क्षेत्र के ग्राम गोठा में रामलीला भवन के सामने आबादी श्रेणी 6(2) की खाली जमीन को लेकर दो पक्षों अजय कुमारउपाध्याय आदि बनाम प्रवीण राय उर्फ घम्मू आदि के बीच आरसीसी आदि कार्य को लेकर चल रहे गम्भीर विवाद को लेकर जिससे लोक शांति भंग होने की आशंका बन गई है। जिसपर संज्ञान लेते हुए एसडीएम ने अंतरिम आदेश पारित किया। वही रामलीला कार्यक्रम में कोई अवरोध उत्पन्न न हो इसको लेकर बीडीओ दोहरीघाट को आवश्यक निर्माण, साफ सफाई आदि के लिए निर्देश जारी किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, विवादित भूमि पर वर्षों से रामलीला समिति द्वारा रामलीला का आयोजन होता रहा है। समिति द्वारा इंटरलाकिंग का कार्य कराया जा रहा था, जिसका विरोध ग्राम प्रधान व उनके समर्थकों द्वारा इस लिए किया जा रहा था कि पूर्व में क्षेत्र पंचायत द्वारा इसी भूमि पर ठेकेदार द्वारा इंटरलोकिंग कराने के नाम पर भुगतान कर लिया गया था। लेकिन कार्य नहीं कराया गया। ग्राम प्रधान का कहना है कि इस भूमि पर ग्राम पंचायत की ओर से आरसीसी ढलाई कराई जाएगी।वही रामलीला समिति अपने स्तर से कार्य कराना चाहते है।
इस तीव्र टकराव की स्थिति को देखते हुए थानाध्यक्ष दोहरीघाट द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम घोसी ने धारा 164 (1) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत कार्रवाई प्रारंभ की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम सत्य प्रकाश ने यह आदेश पारित किया कि रामलीला भवन के सामने स्थित विवादित भूमि को तत्काल प्रभाव से कुर्क किया जाए ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया कि रामलीला का आयोजन पूर्व की भांति सुचारु रूप से चलता रहे।
इसके अलावा खण्ड विकास अधिकारी दोहरीघाट को निर्देशित किया गया है कि भूमि को समतल कर साफ-सफाई की जाए ताकि आयोजन में कोई बाधा न आए। रामलीला समिति को कहा गया है कि स्थल पर रखी गई ईंटें हटा लें, और थानाध्यक्ष दोहरीघाट को निर्देशित किया गया है कि किसी भी पक्ष द्वारा निर्माण कार्य न होने दिया जाए।