Azamgarh news:कमिश्नर से लेकर डीआईजी तक, मिशन शक्ति मंच पर गूंजा महिला सशक्तिकरण का संकल्प
डीआईजी सुनील कुमार सिंह:“नारी कोमल जरूर है, पर कमजोर नहीं, शक्ति का अवतार है”
आजमगढ़ 26 सितम्बर- मिशन शक्ति फेज-5.0 के अन्तर्गत आज हरिऔध कला केन्द्र आजमगढ़ में आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ मण्डलायुक्त विवेक, डीआईजी सुनील कुमार सिंह, जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ0 अनिल कुमार तथा राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ0 प्रियंका मौर्य द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।मण्डलायुक्त ने कहा कि पिछले 5000 वर्षाें के बदलाव का इतिहास देखा जाए तो, इसमें विकास कई वर्षों तक मुख्यतः पुरुषों द्वारा किया गया। उन्होने कहा कि संस्कृति और हृदय, भावना और संवेदनशीलता महिलाओं के अधिकार का क्षेत्र हैं। उन्होने कहा कि पुरुष और महिला दोनों ही समाज रूपी रथ के दो पहिये हैं, दोनों का अपना महत्व है, और यह किसी के निम्न या श्रेष्ठता को नही दर्शाता है। उन्होने कहा कि महिलाएँ शारीरिक रूप से कमज़ोर भले ही दिखाई दें, लेकिन उनकी प्रतिरोधक क्षमता और आंतरिक शक्ति पुरुषों से ज्यादा होती है, यहाँ तक कि शारीरिक स्तर पर भी। उन्होने कहा कि प्रति 1000 महिलाओं पर 1016 पुरुषों का जन्म अनुपात है, जिससे पता चलता है कि विवाह की आयु तक 16 अतिरिक्त पुरुष कम हो जाते हैं। उन्होने कहा कि महिलायें धैर्य, संतोष और संतुलन का प्रतीक होती हैं। पुरुषों में असंतोष देखा जाता है, इसी असंतोष ने सभ्यता के विकास को गति दी है, जिसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू हैं।उन्होने कहा कि विश्व की समस्याओं का एक प्रमुख कारण वैश्विक समाज में महिलाओं की उचित भूमिका का अभाव है। मण्डलायुक्त ने कहा कि एक संतुलित और स्वस्थ समाज की स्थापना के लिए, सभ्यता के साथ-साथ संस्कृति को भी आगे बढ़ाने की आवश्यकता होती है। उन्होने कहा कि पुरुष मशीनें बनाते हैं, लेकिन मानवता का जन्म महिलाओं के माध्यम से होता है।
पुरुष आजीविका के नए साधन जुटाते हैं, लेकिन जीवन का जन्म, पोषण और विकास महिलाओं के माध्यम से होता है। उन्होने कहा कि स्थिरता और गतिशीलता के बीच संतुलन होना चाहिए। मण्डलायुक्त ने व्यक्ति और समाज दोनों के लिए एक आदर्श के रूप में अर्धनारेश्वर (आधी स्त्री, आधी पुरुष) के आदर्श का भी उल्लेख किया। उन्होने कहा कि पुरुषों को आत्म-निरीक्षण करने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि एक स्वस्थ समाज की स्थापना के लिए आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक और नैतिक सभी क्षेत्रों में पुरुषों और महिलाओं दोनों की समान भागीदारी आवश्यक है।पुलिस उप महानिरीक्षक ने महिला सशक्तिकरण दृष्टिगत कहा कि महिला कोमल है,
पर कमज़ोर नहीं, वह सशक्त नारी है एवं शक्ति का अवतार है। उन्होने कहा कि मिशन शक्ति 5.0 कार्यक्रम शुभारम्भ मुख्यमंत्री द्वारा नवरात्रि के प्रथम दिन पर किया गया है। यह कार्यक्रम नारियों को स्वावलम्बन, सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलाया जा रहा है। उन्होने कहा कि मिशन शक्ति अभियान के अन्तर्गत 15 सरकारी विभाग (पुलिस सहित) गाँवों, कस्बों और बाज़ारों में जाकर जनता को शिक्षित करना, ग्रामों मंे चौपाल लगाना और दुर्गा पूजा और रामलीला जैसे धार्मिक आयोजनों के माध्यम से लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक कर रही हैं एवं लाभान्वित भी किया जा रहा है।जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि मिशन शक्ति कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी की एक अच्छी पहल है। उन्होने कहा कि मिशन शक्ति कार्यक्रम की स्थापना महिलाओं को सशक्त बनाकर उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश और सर्वाेत्तम प्रदेश बनाने के लक्ष्य के साथ की गई थी। कार्यक्रम के चार चरण पूरे हो चुके हैं और पाँचवाँ चरण 22 सितंबर को शुरू हुआ है। यह कार्यक्रम कई विभागों की भागीदारी वाले एक बड़े, ज़िला-व्यापी प्रयास का हिस्सा है। उन्होने कहा कि मिशन शक्ति का प्राथमिक उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को बनाना हैं।
उन्होंने कहा कि कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से महिलाओं और बच्चों से संबंधित विभिन्न कानूनों, जैसे बाल विवाह निषेध अधिनियम, दहेज अधिनियम, बाल श्रम अधिनियम, घरेलू हिंसा अधिनियम और कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न अधिनियम आदि के विषय मंे विस्तार से बताया गया। उन्होने विभिन्न हेल्पलाइन नंबरों (जैसे, महिला हेल्पलाइन के लिए 1076, 1090, चाइल्ड हेल्पलाइन के लिए 1098, 102, 108, 112, 181) आदि के बारे में बताया।जिलाधिकारी ने कहा कि एक महिला का पूरा जीवन, जन्म से लेकर उसके अंतिम सांस तक विभिन्न सरकारी योजनाओं द्वारा कवर किया गया है। जिसके अन्तर्गत महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अन्तर्गत गर्भवती महिलाओं को किश्तों में रू0 5,000 प्रदान करती है। जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत संस्थागत प्रसव के लिए रू0 1,400 प्रदान की जाती है। कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत आर्थिक सहायता के रूप में रू0 25000 प्रदान की जाती है, यह राशि 6 चरणों में दी जाती है, जो लड़की के जन्म से लेकर उसकी उच्च शिक्षा तक विभिन्न पड़ावों पर वितरित की जाती है। यह योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित है और इसका उद्देश्य बालिकाओं को सशक्त बनाना है। उन्होने कहा कि महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, शिक्षा का अधिकार, रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी अभियान जैसी रोजगार योजनाएँ भी उपलब्ध हैं। विधवाओं के लिए निराश्रित महिला पेंशन, उत्पीड़न के मामलों में वन स्टॉप सेंटर और रानी लक्ष्मी बाई कोष के माध्यम से 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता का प्रावधान है।जिलाधिकारी ने कहा कि मिशन शक्ति का अंतिम उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र लाभार्थियों को इन योजनाओं और प्रावधानों का लाभ मिले।
उन्होंने उपस्थित लोगों, विशेषकर महिलाओं से, जिले के लगभग 25 लाख लोगों तक यह संदेश पहुँचाने की अपील की, ताकि सभी महिलाएँ सशक्त और आत्मनिर्भर बन सकें। राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ0 पिं्रयका मौर्य ने कहा कि नारी को हम अलग-अलग रूपों में पूजते हैं। उन्होने महिलाओं से कहा कि अगर आप निष्ठा भाव से कोई भी कार्य करती हैं, तो आप किसी भी ऊंचाई तक पहुंच सकती हैं। उन्होने कहा कि मिशन शक्ति का यह कार्यक्रम एक आंदोलन का रूप ले चुका है, क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार नारियों के सम्मान, स्वावलंबन के लिए कार्य कर रही है, ताकि हर नारी शिक्षा ग्रहण कर सके एवं अपने अधिकार को प्राप्त कर सके तथा किसी भी क्षेत्र में अपना नाम ऊंचा कर सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही एक ऐसा रास्ता है, जिसके माध्यम से आप आगे बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा महिलाओं के लिए विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, इसका लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के दृष्टिगत कानून व्यवस्था सुदृढ़ हुई है, किसी भी परेशानी में महिला हेल्पलाइन नंबर 1090 पर संपर्क करें।इस अवसर पर मण्डलायुक्त, डीआईजी, जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा पुलिस विभाग में अच्छा प्रदर्शन करने वाली उप निरीक्षक सानिया गुप्ता, प्रियंका तिवारी एवं महिला आरक्षी शिखा सिंह, पूजा पासवान, दिव्या शुक्ला एवं शबाना बानो को प्रशस्ती पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही ग्राम विकास विभाग के अन्तर्गत सुनीता गौरडीहखालसा, डॉ0 भीमराव अम्बेडकर स्वयं सहायता समूह, रेखा गिरधरपुर, शिवगुरू स्वयं सहायता समूह एवं उषा बेलनाडीह, रविदास स्वयं सहायता समूह को सीआईएसएफ की धनराशि रू0 05 करोड़ 31 लाख का डेमो चेक वितरित किया गया। जनन सुरक्षा योजना में आंचल को रू0 1000, स्वाती को रू0 1400 एवं सिमरन को रू0 1000, महिला क्षय रोगियों में रेनू सरोज, पलक एवं पायल को पोषण पोटली का वितरण, सीएम युवा उद्यमी योजना के अन्तर्गत रेखा पटेल को सोलर पैनल द्वारा आटा चक्की के व्यवसाय हेतु रू0 5 लाख, शशिकला राजभर को क्लाउड किचन व्यवसाय हेतु रू0 3,22,223 एवं सरिता सिंह को ब्यूटी पार्लर व्यवसाय हेतु रू0 5 लाख का डेमो चेक, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत प्रियल जायसवाल, सिद्धी गोंड़ एवं श्वेता को रू0 3-3 हजार का डेमो चेक, निराश्रित महिला पेंशन के अन्तर्गत रमावती देवी, अनीता राजभर एवं राजकुमारी को रू0 3-3 हजार का डेमो चेक, छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत कु0 शिल्पा एवं रूचि गुप्ता जीजीआईसी आजमगढ़ को छात्रवृत्ति स्वीकृत प्रमाण पत्र, दिव्यांग पेंशन योजनान्तर्गत श्रीमती खुशबू, श्रीमती पुष्पा वर्मा एवं श्रीमती कौशल्या को रू0 3-3 हजार का डेमा चेक, श्रम विभाग के अन्तर्गत जियनी देवी, सितमी एवं गीता देवी को कन्या विवाह सहायता योजना के तहत रू0 55-55 हजार को डेमो चेक, प्रधानमंत्री मातृ वन्दा योजना के अन्तर्गत लाजो को रू0 5 हजार, इरफाना को रू0 6 हजार एवं अनीता को रू0 6 हजार का डेमो चेक वितरित किया गया।
इसके साथ ही कु0 आस्था पुत्र श्रीमती ज्योति यादव, तेजस पुत्र श्रीमती बबली एवं अंशिका पुत्र श्रीमती सोनम का अन्नप्राशन कराया गया तथा श्रीमती रागिनी सिंह, श्रीमती चन्द्रकला यादव, श्रीमती खुशबू सोनकर की गोदभराई भी की गयी।इससे पूर्व मिशन शक्ति पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन एलईडी के माध्यम से किया गया। इसके साथ ही राजकीय बालिका इण्टर कालेज आजमगढ़ की छात्राओं द्वारा सरस्वती वन्दना एवं स्वागत गीत, मृणाल सेवा संस्थान द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर आधारित नाटक एवं हरिहरपुर घराने के कलाकारांे द्वारा सांस्कृतिक गायन की प्रस्तुति की गयी।अन्त मंे मुख्य मुख्य विकास अधिकारी द्वारा सभी धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम का संचालन राजकीय बालिका इण्टर कालेज आजमगढ़ की प्रवक्ता शमा शेख द्वारा किया गया।इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी श्री परीक्षित खटाना, ज्वाइन्ट मजिस्ट्रेट सुनील कुमार धनवन्ता, मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला विकास अधिकारी श्री संजय कुमार सिंह, डीसी मनरेगा श्री राम उदरेज यादव, एसीएमओ, उपायुक्त उद्योग, सहाय श्रमायुक्त, अल्पसंख्यक कल्याण, समाज कल्याण, प्रोबेशन, पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी आदि उपस्थित रहे।