भारत का संविधान बनाकर बाबा साहब ने लगाई प्रभुत्ववादी सोच पर पाबंदी: सपा
सपा के पीडीए पर चर्चा कार्यक्रम शुरू, पहले दिन तीनों विधानसभा के सेक्टर में आयोजित हुआ कार्यक्रम
रिपोर्ट अशरफ संजरी
भदोही। सपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर देश के गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहब डॉ.भीमराव अंबेडकर के विरुद्ध दिए गए आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में पीडीए पर चर्चा का आयोजन गुरुवार से शुरू हो गया। आज पहले दिन जिले के तीनों विधानसभा में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस दौरान पार्टी जिलाध्यक्ष प्रदीप यादव के नेतृत्व में भदोही विधानसभा के अभोली सेक्टर में, औराई विधानसभा अध्यक्ष केश नारायण यादव के नेतृत्व में विधानसभा के घोसिया सेक्टर में व ज्ञानपुर विधानसभा अध्यक्ष लालचंद बिंद के नेतृत्व में विधानसभा के कौलापुर सेक्टर में पीडीए पर चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सपा जिलाध्यक्ष प्रदीप यादव ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने बाबा साहब का अपमान किया है। बाबा साहब ने भारत का संविधान बनाकर शोषणात्मक-नकारात्मक प्रभुत्ववादी सोच पर पाबंदी लगाई। ये प्रभुत्ववादी हमेशा से बाबा साहब के विरोधी रहे हैं। प्रभुत्ववादियों ने बाबा साहब के ‘सबकी बराबरी’ के सिद्धांत को कभी स्वीकार नहीं किया। क्योंकि ऐसा करने से समाज एक समान भूमि पर दिखता। उन्होंने कहा कि प्रभुत्ववादी तथा सामंतवादी सोच के लोग चाहते थे कि उन जैसे लोग जो धन तथा सत्ता पर कब्जा करके ऊपर रहे हैं। हमेशा ऊपर रहे तथा पिछड़े, दलित तथा अल्पसंख्यक समाज के लोग जो शोषित, वंचित तथा पीड़ित हैं। वे सामाजिक सोपान पर हमेशा नीचे ही रहें। बाबा साहब ने इस व्यवस्था को तोड़ने के लिए शुरू से आवाज ही नहीं उठाई बल्कि जब देश आजाद हुआ तो संविधान बनाकर उत्पीड़ित, पिछड़ा, दलित तथा अल्पसंख्यक समाज को अधिकार दिया। श्री यादव ने कहा कि संविधान ने सामंती सोच की परंपरागत सत्ता को चुनौती दी। देश की 90 फीसदी वंचित आबादी को आरक्षण के माध्यम से हक और अधिकार दिलवाया। जिससे उनमें आत्मसम्मान और आत्मविश्वास की भावना जागृति हुई। बाबा साहब द्वारा दिलाया गया आरक्षण तथा सदियों की पीड़ा, दोनों ने ही मिलकर पिछड़े, दलित तथा अल्पसंख्यक को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया।
इस मौके पर रमापति यादव,रिजवान अली, गोरख, फूलचंद, सलाउद्दीन अंसारी, मो.तारिक, राजन यादव जैनू पासी, हरिओम मौर्य, दशरथ यादव, कल्लन यादव, कमलाशंकर महतो, मुन्ना खां, महेश यादव व अंकित पांडेय आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहें।