संवैधानिक संस्थाओं के भरोसे लोकतंत्र को नहीं बचाया जा सकता, राहुल गाँधी के साथ चलना ही एक मात्र रास्ता- शाहनवाज़ आलम

साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 130 वीं कड़ी में बोले कांग्रेस नेता

 

रिपोर्टर रोशन लाल

लखनऊ, 14 जनवरी 2024। आज से शुरू हो रही राहुल गाँधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से मोदी सरकार द्वारा बनाया गया डर का वातावरण समाप्त होगा। सभी विपक्षी दलों और नेताओं को भी चाहिए कि वो इस यात्रा का समर्थन करें। ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 130 वीं कड़ी में कहीं।शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अब यह तय हो गया है कि संवैधानिक संस्थाओं के भरोसे लोकतंत्र और संविधान को नहीं बचाया जा सकता। सारी संस्थाओं पर या तो संघ का क़ब्ज़ा हो गया है या फिर वो दबाव में आ गयी हैं। कार्यपालिका तो पहले से ही सरेंडर कर चुकी थी और पिछले कुछ सालों से सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसलों पर ख़ुद न्यायाधीश स्तर के लोग सवाल उठाने लगे हैं। चौथा खम्भा कहा जाने वाला मीडिया इस हद तक लेट चुका है कि उसके दुबारा खड़े हो पाने की उम्मीद नहीं बची है। ऐसे में सिर्फ़ विपक्षी दल और उनके नेता इस तानाशाही के खिलाफ़ संघर्ष में आखिरी लाइन ऑफ डिफ़ेंस हैं। इन विपक्षी दलों को भाजपा की सांप्रदायिक तानाशाही के खिलाफ़ वैचारिक एकता दिखानी होगी। उन्होंने इंडिया गठबंधन के सदस्य दलों से अपील की कि जहाँ-जहाँ से यात्रा को गुज़रनी है वहाँ-वहाँ उनके बड़े नेताओं को भी यात्रा में शामिल होना चाहिए ताकि सैद्धांतिक और रणनीतिक एकजुटता प्रदर्शित हो सके। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के बीच सीट शेएरिंग को लेकर कोई दुविधा नहीं है। कुछ अफवाहें सिर्फ़ मीडिया फैला रही है ताकि भ्रम की स्थिति पैदा हो सके। उन्होंने कहा कि गठबंधन में शामिल होने वाले सभी दलों को सम्मानजनक प्रतिनिधित्व मिलना चाहिये। लेकिन फिलहाल फोकस न्याय यात्रा पर होनी चाहिए और यूपी से यात्रा के गुज़र जाने के बाद ही यहाँ सीट शेयरिंग पर बात करना उचित होगा।

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