प्रदेश में निवेश करने वाली अल्ट्रा मेगा इकाइयों के लिए खुला प्रोत्साहन का पिटारा
Incentive box opened for ultra mega units investing in the state
लखनऊ/(उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में शामिल उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बताया कि बैठक में उत्तर प्रदेश में निवेश करने वाले अल्ट्रा मेगा इकाइयों के लिए प्रोत्साहन का पिटारा खोले जाने का निर्णय लिया गया।बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि कोई कम्पनी प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर 3000 करोड़ से अधिक का निवेश करती है और कम्पनी प्रोत्साहन के लिए आवेदन करती है,उसे निवेश को एकीकृत मानते हुए कस्टमाइज पैकेज की सुविधाएं दी जाएंगी। इसके तहत मेसर्स आवाडा इलेक्ट्रो प्राइवेट लिमिटेड को कस्टमाइज पैकेज का लाभ दिया जाएगा।मंत्री ने बताया कि मेसर्स अवाडा इलेक्ट्रो प्राइवेट लिमिटेड द्वारा उत्तर प्रदेश में पांच गीगा वाट एकीकृत सौर विनिर्माण इकाई में सौर इनगॉट-वेफर, सोलर सेल एवं सौर मॉड्यूल का उत्पादन किया जाएगा। मेसर्स अवाडा इलेक्ट्रो प्राइवेट लिमिटेड को प्रस्तावित परियोजना में 11,399 करोड़ के निवेश की पेशकश की गई है। परियोजना हेतु 150 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। इसमें 50 एकड़ ग्रेटर नोएडा (गौतमबुद्ध नगर एवं गाजियाबाद क्षेत्र) तथा 100 एकड़ हाथरस (पश्चिमांचल) में उपलब्ध है।मंत्री नंदी ने बताया कि उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 के प्रस्तर केस टू केस आधार पर प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। यह प्रोत्साहन विशेष महत्व की अल्ट्रा मेगा श्रेणी परियोजनाओं (3000 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं) को यथाशक्ति केस टू केस के आधार पर कस्टमाइज पैकेज के रूप में प्रदान किया जाएगा। इसी क्रम में मेसर्स अवाडा इलेक्ट्रो प्राइवेट लिमिटेड द्वारा ग्रेटर नोएडा एवं हाथरस में 11,399 करोड़ से अधिक का निवेश सोलर क्षेत्र में प्रस्तावित किया गया है।
इस निवेश में पांच गीगा वाट एकीकृत सौर विनिर्माण इकाई स्थापित की जाएगी। इसमें सौर इन गॉट वेफर, सोलर सेल एवं सोलर मॉड्यूल का उत्पादन किया जाएगा। इसके लिए 50 एकड़ भूमि ग्रेटर नोएडा एवं 100 एकड़ भूमि हाथरस में उपलब्ध कराई जाएगी। दो चरणों की इस परियोजना में 4500 रोजगार सृजित होंगे। कम्पनी द्वारा बुंदेलखंड में सोलर पॉवर उत्पादन इकाई स्थापित की जाएगी। आवेदक इकाई द्वारा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में सौर ऊर्जा इकाई हेतु 3054 करोड़, उत्कृष्टता केंद्र हेतु 20 करोड़, इन हाउस अनुसंधान हेतु 40 करोड़ का अतिरिक्त निवेश किया गया है। चूंकि इकाई द्वारा भिन्न-भिन्न स्थानों पर निवेश किया जा रहा है, इसलिए केस टू केस आधार पर इन परियोजनाओं को एक परियोजना मान कर ही कैबिनेट द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया।