विद्यालयों को युग्मन/मर्ज करने के विरुद्ध शिक्षकों, समाजसेवियों एवं अधिवक्ताओं ने सीटी मजिस्ट्रेट को सौपा ज्ञापन

Teachers, social workers and advocates submitted a memorandum to the City Magistrate against the combination/merger of schools

रिपोर्ट :अशोकश्रीवास्तव ब्यूरोप्रमुख।
घोसी/ मऊ।उत्तर प्रदेशीय अनुसूचित जाति/अनु. जनजाति बेसिक शिक्षक महासंघ, महिला शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ, सम्यक समाज सेवा संस्थान, डॉ.आंबेडकर अधिवक्ता संघ, सोशल जस्टिस ऐडवोकेट फोरम, नवजागरण आंबेडकर समिति एंव अन्य अधिकारी, कर्मचारी, अधिवक्ता, समाजसेवी एवं शिक्षकों द्वारा संयुक्त रूप से डॉ.रामविलास भारती की अध्यक्षता में माननीय मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी मऊ प्रतिनिधि सीटी मजिस्ट्रेट बृजेश कुमार को दिया गया। जिसमें अपर मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में अपर्याप्त /कम संख्या वाले विद्यालयों को युग्मन किये जाने सम्बन्धी 16 जून 2025 के आदेश को निरस्त करने की मांग की गई। मांग की गई कि युग्मन के नाम पर विद्यालयों को बंद किया जा रहा है। जिससे गरीब, वंचित समाज के बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। इस कार्यवाही की बंद किया जाय। खुलेआम आरटीई का उल्लंघन करके विद्यालयों को दूर युग्मन किया जा रहा है। इस अवसर पर डॉ. रामविलास भारती ने कहा कि विद्यालयों के युग्मन से गरीब, वंचित समाज के बच्चे शिक्षा से वंचित होंगे। और आरटीई के अनुसार सबके लिए शिक्षा, सब पढ़े , सब बड़े का उद्देश्य भी अधूरा होगा। यह शासनादेश आम आदमी को शिक्षा की पहुंच से दूर करेगा। शिक्षा की स्थिति को देखते हुए जहां और विद्यालय खोलने की आवश्यकता है वहां विद्यालय को कम किया जाना निश्चित रूप से प्रत्येक बच्चे को शिक्षा का अधिकार के अधिनियम को प्रभावित करेगा। सच्चिदानंद यादव ने कहा कि विद्यालयों के युग्मन से नई शिक्षा नीति, एन सी एफ और आरटीई प्रभावित होगी।
जिलाध्यक्ष नित्यप्रकाश यादव ने कहा कि शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य लेने से गुणवत्ता और संख्या प्रभावित होती है इसलिए विद्यालय बंद करने की बजाय शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य लेना बंद किया जाय। महिला शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष सावित्री ने कहा कि विद्यालयों को मर्ज करने की जगह उन विद्यालयों को हाईटेक किया जाय। एडवोकेट हरीनाथ ने कहा कि विद्यालयों का युग्मन अभिभावकों से सहमति लिए बिना एवं अपर्याप्त संख्या को परिभाषित किए वगैर स्वेच्छाचारिता पर किया गया है। इंद्रदेव प्रसाद ने कहा कि दूर विद्यालय मर्ज होने से दिव्यांग बच्चों की पहुंच शिक्षा तक नहीं हो पाएगी। प्री प्राइमरी प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों पर संचालित है अलग से पूरा विद्यालय एक संविदाकर्मी एजुकेटर के हवाले करना शिक्षा के साथ खिलवाड़ है।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष नित्य प्रकाश यादव, मंडलीय मंत्री इंद्रदेव प्रसाद, जिलाध्यक्ष सावित्री, लक्ष्मी राव, अर्चना यादव, शिवकुमार प्रियदर्शी, मुंशी प्रेमचंद, अरविंद मूर्ति राम,भवन प्रसाद, सच्चिदानंद यादव, मनोज, बृजेश सागर, हरिकेश, गोपाल, एडवोकेट प्रेमचंद एडवोकेट, एडवोकेट हरीनाथ, एडवोकेट विजय कुमार, एडवोकेट सन्नी राव, डॉ.तेजभान, अखिलेश यादव, प्रसेनजीत गौतम, संजय कुमार भारती, अशोक कुमार गौतम, विजय कुमार, विजय बहादुर बालेश्वर रंजीत गुड्डू, भूपेंद्रवीर आदि उपस्थित रहे।

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