रामजन्म के बाद झूम उठी अयोध्या नगरी, दी गई बधाई 

नगर के ऐतिहासिक श्रीरामलीला में कलाकारों द्वारा किया गया रावण जन्म, मेघनाद दिग्विजय व रामजन्म लीला का मंचन 

 

 

रिपोर्ट अशरफ संजरी

भदोही। नगर मर्यादपट्टी में स्थित ऐतिहासिक श्रीरामलीला में रविवार की रात कलाकारों द्वारा रावण जन्म, मेघनाथ दिग्विजय व रामजन्म की लीला का मंचन किया गया। लीला का सुंदर मंचन देख मौजूद श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए।

इस दौरान ऋषि विशेश्रवा के तीन पुत्र हुए रावण, कुंभकरण, विभीषण यह तीनों बड़े हुए तो ब्रह्मा जी के कठोर तप कर उनसे वरदान प्राप्त किया। रावण ने मनुष्य को छोड़कर किसी से भी न मरने का वरदान मांगा। कुंभकरण ने 6 महीने सोने का वरदान मांगा तथा विभीषण ने प्रभु भक्ति का वरदान मांगा। इस तरह अमरता का वरदान प्राप्त कर रावण लंका के राजा कुबेर को परास्त कर शासन करने लगा। फिर मैयदानव की कन्या मंदोदरी से विवाह कर लिया। जिससे मेघनाथ सहित अनेक पुत्र हुए। मेघनाथ बड़ा होकर रावण के कहने पर सभी देवता इंद्र, अग्नि देव, सूर्य देव, पवन देव आदि को युद्ध में परास्त कर बंदी बनाकर अपने पिता रावण के पास ले आया। जहां रावण उन सभी देवताओं को अपने कारागार में डाल दिया तथा सभी से अपने कार्य करवाने लगा। रावण अत्याचार करने लगा। रावण की अत्याचार से पृथ्वी दुखित होकर ब्रह्मा जी के पास पहुंची। तब ब्रह्मा जी ने बताया कि पृथ्वी पर भगवान का अवतार होने वाला है। अयोध्या के राजा दशरथ के तीनों रानियां कौशल्या कैकेयी तथा सुमित्रा के कोई पुत्र नहीं हुए। उमर निकलती जा रही थी। राजा बड़ा दुखित हुआ। मंत्री सुमंत के कहने पर राधा दशरथ अपने गुरु वशिष्ठसे अपने मन की बात कहीं। वशिष्ठ के कहने पर श्रृंगी ऋषि को बुलवाकर पुत्रेष्ठ यज्ञ करवाया और यज्ञ करने पर अग्नि देव प्रकट होकर राजा दशरथ को खीर (पायस) का कटोरा दिया। तब राजा दशरथ अपने तीनों रानियां को खाने के लिए दे दिया। कुछ दिनों के पश्चात तीनों रानियां ने पुत्रों को जन्म दिया कौशल्या को एक पुत्र कैकयी को एक पुत्र तथा सुमित्रा के दो पुत्र हुए उन सभी का वशिष्ठ जी ने नामकरण करवाया। कौशल्या के पुत्र राम तथा कैकई के पुत्र भरत तथा सुमित्रा के पुत्र का नाम लक्ष्मण और शत्रुघ्न रखा गया चारों पुत्रों के जन्म पर अयोध्या झूम उठी। बधाइयां बजने लगी राजा अति प्रसन्न हुए। इस अवसर पर पतंजलि योग कक्षा की ओर से रामलीला प्रेमियों को सिठौरा तथा फल वितरित किया गया और सोहर गाए गए।

इस मौके पर राजेश जायसवाल, विनीत बरनवाल, सुभाष चंद्र मौर्य, जगदीश जायसवाल, मनीष जायसवाल व धर्मराज गुप्ता आदि लोग प्रमुख रूप से मौजूद रहें।

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