Azamgarh:तथा कथित डॉक्टर पर लगा सरकारी सीमांकन के पत्थर को उखाड़ कर फेकने आरोप

And the alleged doctor was accused of uprooting and throwing away the government demarcation stone.

जानकारी होते ही मौके पर पहुंचे टीम के साथ नायब तहसीलदार
आजमगढ़ जिला के महाराजगंज कोतवाली क्षेत्र के परशुरामपुर बाजार में वर्षो से एक तथा कथित डॉक्टर अवैध रूप से नरसिंह होम का संचालन कर रहा है। यह जाकारी देते हुए आम आदमी पार्टी के नेता मंडल सह प्रभारी व पूर्व प्रधान पती भरत यादव ने मीडिया को बताया कि उक्त डॉक्टर अपने अस्पताल तक जाने के लिए चक मार्ग पर सीमेंट ईट की इंटर लाकिंग करा रखा था।जो अस्पताल से कुछ दूर पहले ही समाप्त हो गई थी। उसीके पास सरकारी सीमांकन का पत्थर गड़ा हुआ था जिसके कारण उसके अस्पताल तक जाने केलिए रोड पतला होराहा था। आरोप है कि अपने अस्पताल तक रोड चौड़ा बनवाने के लिए तथा कथित डॉक्टर द्वारा सरकारी पत्थर को उखाड़ कर सामने बने सरकारी अस्पताल में फेंक दिया गया।इस संबंध में जब सच्चाई जानने के लिए आरोपित डॉक्टर के यहां कई बार कई नंबरों पर फोन किया गया तो डॉक्टर का फोन नहीं उठा और समाचार लिखने तक डॉक्टर का कोई काल बैक भी नहीं आया।दूसरी तरफ जब इस संबंध में तहसीलदार सगड़ी विवेका नंद दुबे को जानकारी दी गई तो उन्होंने तुरंत इस मामले को संज्ञान में लेते हुए मौके पर जांच के लिए नायब तहसील दार माधवेंद्र प्रताप सिंह को भेजा ।भारत यादव ने बताया कि जैसे ही नायब तहसील दार क्षेत्रीय लेखपाल और कानून गो को लेकर मौके पर पहुंचे हैं।वैसे ही भनक लगते डॉक्टर अस्पताल छोड़ कर फरार होगया।उधर मौके पर पहुंचने के बाद नायब तहसीलदार ने मौके पर ही गांव के प्रधान को बुलाकर पत्थर का सही स्थान पूछा , तो उन्हों ने बताया।इसके बाद जे सी बी बुलाकर गड्ढा खोदवाकर छोड़ दिया गया है। इसके बाद जब ग्राम प्रधान और क्षेत्रीय लेखपाल से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि नायब तहसील दार साहब पत्थर उखाड़ कर फेकने वाले डॉक्टर को 24 घंटा का अल्टी मेटम दिए हैं कि यदि पत्थर खोज कर डॉक्टर नहीं लगाते हैं तो उनके ऊपर मुकदमा दर्ज होगा इसके बाद वहां दोबारा सरकारी पत्थर गड़ेगा। जब इस कार्यवायी की जानकारी बाजर वासियों को हुई तो वह लोग लेखपाल कानून गो और नायब तहसीलदार तथा तहसीलदार सगड़ी विवेकानंद दुबे को हार्दिक बधाइयां देने लगे।

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