मुकद्दस सफर-ए-उमरा के लिए जायरीन हुए रवाना
जायरीनों का इस्तकबाल कर पुरन:आंखों से लोगों ने किया विदा
रिपोर्ट अशरफ संजरी
भदोही। नगर के पीरखांपुर मोहल्ले से हाजी दानिश अंसारी मंगलवार को अपनी अहलिया व बहन के साथ मुकद्दस सफर-ए-उमरा के लिए भदोही रेलवे स्टेशन से
काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस ट्रेन से लखनऊ रवाना हुए। जहां से वें हवाई जहाज से ओमान होते जद्दा पहुंचेंगे।
इस दौरान हाजी दानिश अंसारी उनकी अहलिया व बहन की रवानगी से पूर्व उनके घर पर उनसे मिलने वालों का तांता रहा। इसके साथ ही काफी संख्या में लोगों ने रेलवे स्टेशन पहुंचकर मुकद्दस सफर-ए-उमरा पर जाने वाले लोगों से मुलाकात की और उनका इस्तकबाल किया गया वहीं सफर-ए-उमरा पर जाने के लिए मुबारकबाद दी। सभी ने मेहमान-ए-परवरदिगार से सफर-ए-उमरा के दौरान अपने लिए दुआ करने की दरख्वास्त की। उसके बाद मुकद्दस सफर-ए-उमरा पर जाने वाले जायरीनों को पुरन: आंखों से विदा किया गया। वैसे हज वर्ष में एक बार होता है। जिसका अरकान पूरा करने में 45 दिन लग जाते हैं। लेकिन उमरा वर्ष भर में कभी भी किया जा सकता है। जिसके अरकान को पूरे करने में जायरीनों को 14 दिन लगते हैं। 14 दिन बाद सफर-ए-उमरा पर जाने वाले हर जायरीन स्वदेश लौट आते हैं।
इस मौके पर हाजी वलीउल्लाह खां अप्पू, खालिद अंसारी, तौसिफ खां, मो.फिरोज खां, ओबैदुल्ला असरी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहें।
चित्र परिचय: रवानगी से पूर्व रेलवे स्टेशन पर मौजूद जायरीन।