53 साल बाद पुनः शुरू हुई गहजी गांव की चकबंदी, कागज को रखाने चकबंदी आफिस पहुंच रहे ग्रामीण
Consolidation of Gahji village started again after 53 years, villagers are reaching the consolidation office to keep the papers
रिपोर्ट सुमित उपाध्याय
अहरौला/आजमगढ़ :गहजी गांव की चकबंदी एक बार फिर चर्चा का विषय बनी हुई है चर्चा का कारण है कि बीते कई महीनों से गांव के तमाम किसान सिर्फ चकबंदी आफिस पर यह जानने के लिए हर रोज पहुंच रहें हैं कि कहीं हमारे कागजों में तो कोई खेल नहीं हो रहा चकबंदी आफिस में तमाम ऐसे मामले प्रकाश में आ रहे हैं जो कहीं न कहीं विभाग के लोगों के साठ गांठ से ही संभव है। गहजी गांव के प्रधान राकेश सिंह ने बताया कि चकबंदी प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है और शांति पूर्वक चल रही है कोई फेर बदल नहीं है। लेकिन सबसे ज्यादा कमजोर तबके के लोग परेशान हो रहे हैं सफेद पोश व दलालों की चांदी कट रही है चकबंदी प्रक्रिया में लगे कर्मी सफेद पोश व दलालों से मिलकर तमाम सुविधाओं को देने का भरोसा दिलाकर मोटा सुविधा शुल्क ले रहे है किसी को व्यक्ति गत रास्ता तो किसी को अच्छे लोकेशन का चक पर बैठाने का भरोसा दे रहे हैं गांव के सीधे साधे कास्तकार कुछ तो सुविधा लेने को चक्कर लगा रहे हैं कुछ काश्तकार मात्र चकबंदी आफिस पर यह जानने को जा रहे कि हमारे साथ कुछ गडबड तो नहीं हुआ।बताते चलें कि गहजी गांव की चकबंदी 1971-072 में पूर्ण नहीं हो पाई कारण की गांव के ही स्वर्गीय विक्रमा सिंह चकबंदी प्रक्रिया में अनियमितता को लेकर हाईकोर्ट से स्टे ले लिया यह प्रक्रिया कई सालों तक चलती रही 2018 में पुनः प्रक्रिया शुरू हुई कागजी कार्रवाई सालों तक चली। 2019 में चकबंदी की टीम गांव में पहुंची लेकिन ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन कर प्रक्रिया को अवरूद्ध कर दिया मामला डीडीसी तक पहुंचा सालों तक तो चकबंदी टीम की बार गांव में सर्वे को पहुंची लेकिन ग्रामीणों का प्रक्रिया को लेकर विरोध जारी रहा। कोरोना काल के चलते पुनः प्रक्रिया रोक दी गयी। 2020 के बाद फिर प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन कुछ लोग 2021 में पुनः चकबंदी प्रक्रिया पर हाईकोर्ट से स्टे ले लिया 2023 में किसानों के स्टे वापस ले लिया पुनः चकबंदी प्रक्रिया शुरू की गई अब हालात ये कि गहजी गांव के किसान सफ़ेदपोशो व दलालों के चंगुल से फंसे हैं और काम धाम छोड़कर चकबंदी आफिस पर अपने कागजों को रखाने पहुंच रहे है वहीं कुछ लोग अपने गुणा गणित के चक्कर में चकबंदी आफिस पर जा रहे हैं विभाग के खूब मज़े कट रहे हैं कोई कागजों को दिखाने नाम पर सुविधा ले रहा है कोई अपना काम बनाने को सौदा कर रहा है। फिलहाल नये डीएम रवीन्द्र कुमार पर सबको भरोसा है कि कहीं गलत नहीं होगा।।
इस संबंध में चकबंदी बूढ़नपुर के टीम के राजस्व निरीक्षक राधारमन दीक्षित ने बताया की गहजी चकबंदी प्रक्रिया अंतिम चरण में है पार्दर्शी ढंग से प्रक्रिया चल रही है कहीं कोई अनावश्यक ढंग से कोई छेड़छाड़ नहीं है जहां कोई मांग है तो संभव है तो ही किया जायेगा। लोग अपने काम बस कार्यालय आते हैं।