ईरान का बड़ा हमला: “इजरायल को बचने के लिए अपने ‘डैडी’ के पास भागना पड़ा”,अरागाची का अमेरिका-इजरायल पर तीखा तंज
तेहरान और तेल अवीव के बीच हालिया तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। ईरान और इजरायल के बीच चले भीषण संघर्ष के बाद अब जुबानी जंग तेज होती जा रही है। ईरान के विदेश मंत्री सैय्यद अब्बाद अरागाची ने इजरायल और अमेरिका पर तीखा तंज कसते हुए एक आक्रामक बयान दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“महान और ताकतवर ईरानी जनता ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि वे अपमान और धमकियों को चुपचाप सहन नहीं करेंगे। हमारी मिसाइलों ने इजरायली शासन को नतमस्तक कर दिया और आखिरकार उन्हें अपने ‘डैडी’ यानी अमेरिका की शरण लेनी पड़ी।”
ईरानी हमले के बाद अमेरिका की ‘डैमेज कंट्रोल’ रणनीति
बताया जा रहा है कि ईरान के मिसाइल हमलों से बुरी तरह बौखलाए इजरायल की मदद के लिए अमेरिका को हस्तक्षेप करना पड़ा। अमेरिकी सेनाओं ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। हालांकि, इस सैन्य हस्तक्षेप के ठीक अगले ही दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद दोनों देशों के बीच सीजफायर का ऐलान किया।
“हम किसी को अपनी तकदीर तय नहीं करने देंगे” — अरागाची
अरागाची ने आगे लिखा:
“ईरान को अपनी आज़ादी और संप्रभुता की कीमत पता है। हम किसी भी राष्ट्र को यह अधिकार नहीं देंगे कि वो हमारी तकदीर का फैसला करे। अगर ज़रूरत पड़ी तो हम अपनी असली क्षमताओं को दिखाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।”
डोनाल्ड ट्रंप को भी लिया निशाने पर
अरागाची ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को भी आड़े हाथों लेते हुए लिखा कि:
“अगर ट्रंप वास्तव में डील को लेकर गंभीर होते, तो वे हमारे सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां नहीं करते। अमेरिका को अब यह समझ लेना चाहिए कि ईरान को झुकाने की कोशिश करना एक बहुत बड़ी भूल होगी।”
ट्रंप का पलटवार: “मैंने खामेनेई को बचाया”
ईरान के कड़े बयानों के बाद ट्रंप ने भी तंज कसते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा:
“ईरान की जीत का दावा झूठ है। खामेनेई जानते थे कि वे कहां छिपे हुए थे। मैंने अमेरिकी और इजरायली सेनाओं को जान देने की इजाज़त नहीं दी — और मैंने ही खामेनेई को एक बहुत ही भयानक और अपमानजनक मौत से बचाया। अब उन्हें मुझे धन्यवाद कहने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए।”
खामेनेई का बयान: “हमने अमेरिका की अकड़ तोड़ दी”
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई ने अपने भाषण में कहा:
“ट्रंप ने अपनी आदत के मुताबिक घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। सच तो यह है कि हमने अमेरिका की अकड़ और उसका घमंड तोड़ दिया। यह लड़ाई सिर्फ जंग नहीं, बल्कि हमारी हिम्मत और आत्मसम्मान की जीत है।”
ईरान-इजरायल संघर्ष ने मध्य पूर्व में पहले से ही नाजुक हालात को और तनावपूर्ण बना दिया है। अमेरिका की इसमें सीधी दखलअंदाजी, सैन्य कार्रवाई और फिर तात्कालिक सीजफायर, यह सब संकेत हैं कि मामला कितना गंभीर था। अब देखना यह है कि यह ‘सीजफायर’ कितने दिनों तक स्थायी रह पाता है, या यह सिर्फ एक और ‘अस्थायी विराम’ साबित होगा।