Mau news:फ़ातेमा मेरे ज़िगर का टुकड़ा है जिसने फ़ातेमा को दुःख पहुंचाया उसने मुझको दुःख पहुचाया

(पैग़म्बर मुहम्मद साहब)

घोसी नगर के बड़ागांव में यौमे फ़ातिमिया कार्यक्रम में तकरीर करतेमौलाना इर्शाद अब्बास साहब लखनवी।नौहाख्वानी करते अकीदतमंद।

रिपोर्ट: अशोक श्रीवास्तव

घोसी/मऊ:घोसी नगर के बड़ागांव शिया मोहल्ले में रविवार की सुबह 9 बजे यौमे फातिमिया कार्यक्रम का आयोजन कर पैगम्बर मोहम्मद साहब की पुत्री फातिमा ज़हरा की शहादत की याद में खिराजे अकीदत पेश किया गया। इसकी अध्यक्षता शफ़क़त तक़ी एवं पेशखानी फैज़ अस्करी ने किया मदरसा हुसैनिया से अलम का जुलुस निकाला गया।जो परम्परागत रास्तो से होते हुये सदर इमामबारगाह पर शाम को समाप्त हुआ।इस अवसर पर मौलानाओं ने तकरीर कर इनके बताये रास्ते पर चलने को कहा।पैगम्बर मोहम्मद साहब की पुत्री और इमाम हुसैन की माता फातिमा ज़हरा की याद में अलम का जुलुस नौहा खानी के बीच बड़ागांव के मदरसा हुसैनिया से प्रारम्भ होकर निमतले, बड़े फाटक होते हुये और मातम करते हुये धीरे धीरे चलते हुये देर शाम राष्ट्रीय राजमार्ग एन एच 29 स्थित सदर इमाम बारगाह पर जाकर समाप्त हुआ। इस अवसर पर नगर की सभी अंजुमनों ने नौहाख्वानी व मातम पेश किया।ये जुलूस अपने पारम्परिक रास्ते से होते हुए निमतले, शेख जुम्मन तारबाबू के दरवाजे, निमतले व मदरसा हुसैनिया मे अपनी तकरीर में मौलाना कामिल, मौलाना मेहँदी हुसैनी, मौलाना नसीमुल हसन, मौलाना मुजाहिर, मौलान सुज़ाअत अली आदि ने कहा कि मोहम्मद साहब की मृत्यु के तीन दिन बाद उनके घर को आग लगा दी उनके दामाद हजरत अली और उनकी बेटी को इस्लाम के विरोधियो ने चैन से रहने नही दिया। उनके घरो में आग लगा दी जलता दरवाज़ा फ़ातेमा के ऊपर गिरा दिया गया हजरत अली के गले में रस्सी का फन्दा लेकर उनको घसीटा गया।उनको तरह तरह से परेशान किया गया।उनके ऊपर हमला भी किया गया। जिसमें इनके एक पुत्र मोहसीन की गर्भावस्था के समय से पूर्व मृत्यु हो गयी। फिर भी इंसानियत को नही छोड़ा।इस्लाम के लिये कुर्बान हो गए।जीवन पर्यन्त इंसानियत के लिये काम किया।जनाबे फातिमा का पूरा जीवन परिवार के साथ लोगो की भलाई के लिये समर्पित कर दिया था।इनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि इनके आदर्शो को अपना कर होगी।इस अवसर पर अलमदार हुसैन, मजहर हुसैन, इस्त्याक हुसैन, मेहँदी, मौलाना मोजाहीर हुसैन, मौलाना कामिल, मेंहदी हुसैन, फैज़ शब्बर,शमीम हैदर, मौलाना नसीमुल हसन, मौलाना अहमद अब्बास इमामे जुमा जमात शिया जमा मस्जिद घोसी, ज़फरुल हसन, नसीम अख्तर, वसीउल हसन, इफ़्तेख़ार हुसैन आदि मौजूद रहे।

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