आजमगढ़ जिला क़ृषि रक्षा अधिकारी ने किसानो को आधुनिक खेती करने के बारे मे दी जानकारी
आजमगढ़ जिला कृषि रक्षा अधिकारी, आजमगढ़ सुधीर कुमार ने जनपद के समस्त किसान भाइयों को सूचित किया है कि वर्तमान में खरीफ वर्ष 2023-24 की फसलों की बुआई/रोपाई का समय चल रहा है। प्रायः किसान भाई जानकारी के अभाव में अपने फसलों की बुआई बिना बीज शोधन/भूमि शोधन किये ही कर देते है और परिणाम होता है कि आगे चलकर उनकी फसलों में कई प्रकार के कीट/रोग की समस्या उत्पन्न हो जाती है। जिसकों नियन्त्रित करने के लिये समय व धन का अपव्यय होता है तथा फसलों का उत्पादन भी प्रभावित होता है।जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया है कि बोई जाने वाली फसलों को जैविक विधि के अन्तर्गत दीमक से प्रभावित क्षेत्रों में भूमि शोधन हेतु ब्यूबैरिया वैसियाना व अन्य सभी क्षेत्रों में ट्राइकोडर्मा हारजेनियम अथवा सूडोमोनास नामक जैविक की 2.5 किग्रा मात्रा प्रति हेक्टेयर के लिये लगभग 50-60 किग्रा गोबर की सड़ी हुई खाद में मिलाकर 01 सप्ताह के लिये किसी छायेदार स्थान पर रख देगें, उस पर नमी बनाये रखनें हेतु भिगी हुयी टाट की बोरी से ढककर रख देगें। तद्परान्त खेत तैयारी में अन्तिम जुताई के समय इसकों बिखेर कर खेत को तैयार कर लेगें। यह शस्य क्रिया सायःकाल सम्पन्न किया जायेगा। रासायनिक विधि के लिये सम्मानित किसान भाई कारटॉप हाईड्रोक्लोराईड 4 प्रतिशत अथवा फेनवेलरेट 2 प्रतिशत की 25 किग्रा मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से खेत की तैयारी में अन्तिम जुताई के समय प्रयोग किया जायेगा।बीज शोधन हेतु किसान भाई जैविक फफॅूदनाशक ट्राइकोडर्मा 4 ग्राम, अथवा रासायनिक बीज शोधक रसायन थीरम 75 प्रतिशत डब्ल्यूएस की 2.5 ग्राम अथवा कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत डब्ल्यूपी की 1 ग्राम मात्रा प्रति किग्रा बीज की दर से प्रयोग किया जायेगा।उक्त विधि को अपनाने में किसी प्रकार की समस्या होने पर अथवा सुझाव हेतु कृषि रक्षा कार्यालय आजमगढ़ के कृषि रक्षा केन्द्र प्रभारी मोबाईल नम्बर-6388226627 पर प्राप्त कर सकते। कृषि रक्षा अनुभाग जनपद के कृषक भाईयों की समस्याओं निदान हेतु सदैव तत्पर है।