पत्रकारों का शेर मिट्टी में हुआ ढेर पत्रकारिता जगत को लगा बहुत बड़ा झटका,जब पत्रकार साथी को मौत ने पटका,आजमगढ़ का पत्रकारिता जगत हुआ उदास,अब नहीं रहे वेद प्रकाश
Azamgarh:
आजमगढ़:आखिर कार पत्रकारिता जगत के शेर कहे जाने वाले वेद प्रकाश लल्ला जी काल के गाल में समा ही गए, कहा जाता है कि मौत सत्य है एक दिन सबको ईश्वर के पास जाना है कोई आगे तो कोई पीछे जब बुलावा आएगा तो हर इंसान वहां तक जाएगा।इसी कड़ी में पत्रकारों के मार्गदर्शक अपनी कलम से समाज को नई दिशा दशा देने वाले निष्पक्ष कलमकार और समाचार परोसने वाले नवोदय पत्रकारों के मार्गदर्शक तथा गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले वेद प्रकाश लल्ला की एक अलग पहचान थी।पत्रकारिता जगत में इन्हे पत्रकारों का शेर माना जाता था।तो दूसरी तरफ इंसानियत को जिंदा रखने के लिए इन्होंने अपने जीवन में कभी किसी से टूट कर नहीं बोला । जब भी किसी से मिलते हंसते मुस्कुराते हुए मिलते थे।इनकी हर मुलाकात कुछ न कुछ नई चीज दे जाती थी।किंतु क्या पता था की 18 तारीख की शाम का एक्सीडेंट मौत का काल बनकर आएगा। बताया जा रहा है कि 18 तारीख कि शाम अपने गांव जहानागंज से आजमगढ़ शहर में स्थित मकान पर आ रहे थे इसी बीच रास्ते में इनका एक्सीडेंट हो जाने के कारण सर में चोट आई।संभवत ब्रेन हैमरेज होगया। पहले तो उनका आजमगढ़ शहर में इलाज चला किंतु हालत नाजुक देख कर डॉक्टरों ने उन्हेंने हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। जिससे इनका इलाज यूपी की राजधानी लखनऊ के अस्पताल में चल रहा था किंतु 21/ 22 की रात उन्होंने जीवन की अंतिम सांस ली ।
जैसे ही उनकी मृत्यु की खबर मिली पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ पड़ी। वहीं पारीजनों का भी रो-रोकर बुरा हाल है। बताया जा रहा है कि उन्होंने अपने पीछे धर्म पत्नी सहित एक बच्चा और एक बच्ची छोड़ा है। बड़े वाले बच्चों की उम्र लगभग 20 से 22 वर्ष के आसपास है और एक छोटी सी बच्ची है। अभी बच्चे की शादी भी नहीं हुई है।वेद प्रकाश लल्ला की कुछ यादें हमेशा पत्रकारों को आती रहेगी और आंखों को रुलाती रहेगी। क्योंकि वह हंसता मुस्कुराता चेहरा समय पड़ने पर कदम से कदम मिलाकर चलने वाला साथी और बुरे वक्त पर सलाह देने के साथ-साथ हर तरह का सहयोग करने वाला साथी बड़ी मुश्किल से और बहुत कम लोग मिलते हैं। ऐसी सारी अच्छी अदाएं वेद प्रकाश लाला जी के अंदर थी।जो संभवतःकिसी व्यक्ति के अंदर संपूर्ण अदा भरी हो। शायद यही वजह है कि आज वेद प्रकाश लल्ला का यहां से जाना पत्रकारीता जगत को बहुत बड़ा झटका लगा है। वही जो जहां से सुना वह लोग वहीं से उनके परिवार को सांत्वना देने के लिए दौड़ पड़े।