आजमगढ़:बिजली निजीकरण न होने को लेकर संघर्ष है जारी

Azamgarh: Struggle continues against privatization of electricity

आजमगढ़।बिजली के निजीकरण के विरोध में प्रान्त व्यापी प्रदर्शन जारी: अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद को श्रद्धांजलि अर्पित कर बिजली को निजी क्षेत्र में जाने से बचाने का लिया गया संकल्प: 55 वर्ष की आयु के संविदा कर्मियों को हटाने का तीव्र विरोध: बड़े पैमाने पर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर अभियंताओं से चर्चा कर मुख्यमंत्री को प्रेषित की जाएगी ।विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आज समस्त जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर बिजली कर्मियों ने निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन जारी रखा है। आज के प्रदर्शन की खास बात यह थी कि राजधानी लखनऊ सहित समस्त जनपदों में हुई विरोध सभा में बिजली कर्मियों ने अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद को उनके बलिदान दिवस पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए यह संकल्प लिया कि अमर शहीदों के बलिदान से स्वतंत्र हुए भारत में अरबों खरबों रुपए की जनता की परिसंपत्तियों को कौड़ियों के मोल नहीं बिकने देंगे और उत्तर प्रदेश में बिजली का निजीकरण हर हाल में रोका जाएगा । संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने 55 वर्ष की आयु के बाद संविदा कर्मियों को हटाए जाने के आदेश का तीव्र विरोध करते हुए कहा है कि इन संविदा कर्मियों के सहारे क्षेत्र में बिजली की व्यवस्था चल रही है। इनमें से कई संविदा कर्मी बिजली व्यवस्था बनाए रखने हेतु दुर्घटना में अपंग हो गए हैं। किसी का हाथ कट गया है, किसी का पैर कट गया है या दुर्घटना में शरीर के अन्य भागों को क्षति हुई है । आज निजीकरण के लिए पावर कार्पोरेशन प्रबंधन इतना उतावला है कि वह संविदा कर्मियों को इस हालत में 55 वर्ष की आयु के बाद घर भेज रहा है। पावर कार्पोरेशन प्रबंधन का यह कृत्य घोर अमानवीय और निन्दनीय है। संघर्ष समिति ने 55 वर्ष की आयु के बाद संविदा कर्मियों को हटाए जाने वाले आदेश को तत्काल निरस्त करने की मांग की है। पिछले कुछ दिनों में जिस प्रकार से आठ मुख्य अभियंताओं और तीन अधीक्षण अभियंताओं ने स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति ले ली है और क्षेत्रों से यह समाचार आ रहा है कि निजीकरण के पहले बनाए गए भय के वातावरण में बड़े पैमाने पर वरिष्ठ अभियंता सेवानिवृत्ति लेने जा रहे हैं। संघर्ष समिति ने इसकी जांच हेतु सभी विद्युत वितरण निगमों में समिति का गठन किया है। यह समिति अंदरूनी तौर पर सभी अभियंताओं से और उनके परिवार जनों से बात करके स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति के वास्तविक कारणों का पता लगाएगी। अभियंताओं एवं उनके परिवार जनों से अंदरूनी बात पता कर माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को इसके आधार पर रिपोर्ट भेजी जाएगी। संघर्ष समिति का मोटे तौर पर मानना है कि भय और उत्पीड़न के वातावरण में जिस तरह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का दौर चल रहा है उससे पावर कारपोरेशन को दूरगामी क्षति तो हो ही रही है। आने वाले गर्मियों में जब बिजली की मांग 32000 मेगावाट तक पहुंचेगी तब इसका सबसे अधिक खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा।आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, हरदुआगंज, पारीछा, ओबरा, पिपरी, और अनपरा में विरोध प्रदर्शन किया गया।

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