मऊ:जिला प्रशासन का प्रयास लाया रंग,भैंसही नदी बनेगी सदानीरा
Mau. Out of 53.15 km length of Bhainsi river, 41.20 km restoration work has been completed, 177900 man days of employment has been generated. River restoration work will ensure availability of water throughout the year, ecosystem will be strengthened.
घोसी।मऊ।भैंसही नदी का 53.15 कि.मी. लंबाई के सापेक्ष 41.20 कि.मी. पुनरुद्धार कार्य पूर्ण, 177900 मानव दिवस रोजगार हुआ सृजित।नदी पुनरुद्धार कार्य से वर्ष भर पानी की रहेगी उपलब्धता, मजबूत होगा इकोसिस्टम।
जनपद के तीन विकास खण्डों के 31 ग्राम पंचायत से होकर बहने वाली भैंसही नदी के पुनरुद्धार कार्य लगभग 85 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। जिला प्रशासन के विशेष प्रयास एवं जिलाधिकारी श्री प्रवीण मिश्र के कुशल नेतृत्व में भैंसही नदी का पुनरुद्धार कार्य मनरेगा योजना के तहत कराया जा रहा है। यह नदी विकासखंड रानीपुर के 18,मोहम्मदाबाद गोहाना के दो एवं परदाहा के 11 ग्राम पंचायत से होकर गुजरती है। इस नदी की कुल लंबाई जनपद में 53.15 किलोमीटर है जिसके सापेक्ष 41.20 किलोमीटर पुनरुद्धार कार्य पूर्ण हो चुका है। विकासखंड रानीपुर एवं मोहम्मदाबाद गोहाना के सभी ग्राम पंचायत में पुनरुद्धार कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि विकासखंड परदहा में पानी भरा होने के कारण 3 ग्राम पंचायत में कार्य नहीं हुआ है जबकि एक ग्राम पंचायत में कार्य अभी बंद है तथा एक ग्राम पंचायत में प्रधान द्वारा कार्य अभी प्रारंभ नहीं कराया गया है। जिलाधिकारी श्री प्रवीण मिश्र के निर्देश पर जनपद की मृत प्राय नदी के पुनरुद्धार कार्य का शुभारंभ किया गया। इस नदी के पुनरुद्धार अभियान कार्यक्रम की शुरुआत 28 फरवरी 2025 को पूर्व एमएलसी माननीय श्री यशवंत सिंह जी द्वारा विकासखंड रानीपुर के ग्राम पंचायत रसूलपुर में किया गया था। शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान पूर्व एमएलसी माननीय श्री यशवंत सिंह जी द्वारा प्राचीन काल से नदियों को मानव जाति के लिए ईश्वर का वरदान बताते हुए ग्राम पंचायत स्तर पर लोगों को इससे होने वाले लाभ के बारे में अवगत भी कराया गया था। पुनरुद्धार कार्य के पूर्व नदी पर कई स्थानों पर अतिक्रमण था जिसे राजस्व विभाग की टीम द्वारा अतिक्रमण मुक्त कराया गया तथा ग्राम स्तर से प्रधान, सचिव, तकनीकी सहायक व श्रमिकों द्वारा नदी क्षेत्र का सीमांकन कर इस अभियान की शुरुआत की गई। सिंचाई विभाग की टीम बनाकर मौके पर नदी का एल सेक्शन, क्रॉस सेक्टर बेड लेवल, बेड विड्थ,टॉप विड्थ एचएफएल, व डिस्चार्ज इत्यादि की समुचित सूचना एकत्र कराई गई,जिससे जीर्णोद्धार एवं खुदाई से पर्यावरण को क्षति न पहुंचे। इसके लिए मनरेगा योजना से विकासखंड स्तर से ग्राम पंचायत द्वारा कार्य कराया गया जिससे मनरेगा योजना अंतर्गत लगभग 177900 मानव दिवस भी सृजित हुए। नदी के किनारो पर 134800 वृक्षारोपण भी कराया गया जिससे तटबंध सुरक्षित रहें तथा वृक्षारोपण से जल की शीतलता भी बनी रहेगी एवं उसे पूरे क्षेत्र में एक मजबूत इकोसिस्टम की स्थापना भी होगी। इसके अलावा परियोजना पूर्ण होने पर नदी की सफाई के पश्चात चेक डैम का निर्माण कार्य होगा जिससे पानी की उपलब्धता वर्ष भर बनी रहेगी। नदी के पुनरुद्धार कार्य से नदी से लगे पोखरे एवं नालो की सफाई किए जाने से वर्षा का जल उसके माध्यम से नदी में प्रवेश करेगा जिससे किसानों की फसल नुकसान होने से बचेगी व नदी क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात भी नहीं बनेंगे। इस नदी पुनरुद्धार कार्य एवं उस पर वृक्षारोपण कराए जाने से 31 ग्राम पंचायत में श्रमिकों को कार्य उपलब्ध हुआ। वहीं वृक्षारोपण से इको सिस्टम भी मजबूत हुआ। नदी पुनरुद्धार कार्य के दौरान नदी से जुड़े नालों व पोखरो का भी सुदृढ़ीकरण कार्य कराया गया। नदी पुनरुद्धार कार्य हेतु नदी परिसंचरण तंत्र के जानकार प्रोफेसर वेंकटेश दत्त ने जनपद में विकासखंड, राजस्व व सिंचाई विभाग के कर्मचारियों को नदी की बारीकियों के बारे बारे में बताया। प्रोफेसर वेंकटेश दत्त एक वेटलैंड्स एक्सपर्ट भी है जिनके द्वारा बताया गया कि नदी का अविरल बहाव बनाए रखने के लिए क्या-क्या स्टेप आवश्यक है। जैसे नदी का अवतल एवं उत्तल क्षेत्र के किन स्थानो पर पौधा रोपण होगा और कौन सा एरिया खाली रहेगा। उनके बताए गए दिशा निर्देशों के अनुसार वृक्षारोपण कार्य संपन्न कराया गया।
नदी के पुनरुद्धार कार्य के पूर्व नदी पर कई स्थानों पर अतिक्रमण था। लोगों के अंदर प्राकृतिक संसाधनों को लेकर जागरूकता का अभाव था। नदी कुल लगभग 53 किलोमीटर के क्षेत्र में बहती है जो पूरी तरह गाद से भरी हुई थी, जिससे वर्षा का जल चारों ओर फैल कर बाढ़ जैसे हालात पैदा करता था। किसानों की फसल बर्बाद हो जाती थी वह स्वाइल एरोजन भी बड़ी मात्रा में होता था। वर्षा का जल रहने पर संक्रामक बीमारियों का भी खतरा बना रहता था। नदी के पुनरुद्धार कार्य पूर्ण हो जाने से इन चीजों से भी मुक्ति मिलेगी।
जिलाधिकारी श्री प्रवीण मिश्र ने इस कार्य हेतु जो भी दिशा निर्देश जारी किए थे उसके अनुरूप यह कार्य लगभग पूर्ण होने के कगार पर है। साथ ही एक मृत प्राय नदी को सदा नीरा बनाने में सहायता भी मिलेगी जिससे इकोसिस्टम के मजबूत होने के साथ-साथ अन्य लाभ भी मिलेंगे।