चंडीगढ़ पर हमारा भी हक है : भूपेंद्र हुड्डा

Chandigarh par hamara bhi haq hai : Bhupendra Hooda

चंडीगढ़: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा के लिए अलग से विधानसभा भवन के निर्माण की मांग को मिली केंद्रीय मंजूरी पर छिड़े सियासी बवाल के बीच शुक्रवार को मामले पर अपनी राय रखी।

 

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि चंडीगढ़ पर जितना हक पंजाब का है, उतना ही हमारा (हरियाणा का) भी है। लिहाजा, पंजाब के किसी भी नेता का इस मामले में विरोध करना प्रासंगिक नहीं है।

 

उल्लेखनीय है कि पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात कर आग्रह किया कि चंडीगढ़ पंजाब का है और यहां एक इंच भी जमीन किसी भी कीमत पर विधानसभा भवन निर्माण के लिए हरियाणा को आवंटित नहीं की जा सकती।

 

भूपेंद्र हुड्डा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान दो टूक कहा, “चंडीगढ़ पर हमारा भी हक है।”

 

उन्होंने आगे कहा, “पंजाब और हरियाणा के बीच मूल रूप से तीन विषय हैं, जिन पर व्यापक रूप से चर्चा होनी चाहिए। पहला – पानी, दूसरा – हिंदी भाषा, तीसरा – राजधानी।”

 

उन्होंने कहा, “पंजाब हमें पहले पानी दे। हमें हमारा हक दे। हम अपना पंजाब से हिस्सा क्यों नहीं ले सकते हैं। हमारा 40 फीसद हिस्सा बनता है, उसमें से सिर्फ 27 फीसद हिस्सा हमें मिला है, जो किसी भी लिहाज से उचित नहीं है।”

 

कांग्रेस नेता ने कहा, “हमारा हिस्सा तो चंडीगढ़ में बनता है, तो ऐसे में 12 एकड़ जमीन देने का कोई औचित्य नहीं बनता है। हमारा चंडीगढ़ में 40 फीसद हिस्सा बनता है। मेरा अब इस पूरे मामले को लेकर यही रुख है कि हम अपनी मांगों को लेकर अटल रहेंगे। सबसे पहले हमारी मांगें पूरी की जानी चाहिए। इसके बाद आगे के कदम की रूपरेखा निर्धारित की जाएगी।”

 

उन्होंने कहा, “पंजाब हमारा हिस्सा लेकर बैठा हुआ है। मैं एक बार फिर से स्पष्ट कह देना चाहता हूं कि हम अपना हिस्सा किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे। मैं अब अपना विचार स्पष्ट कर चुका हूं। अब आगे शीर्ष नेतृत्व पर निर्भर करता है कि क्या कदम उठाए जाते हैं।”

 

इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा भवन निर्माण पर सवाल उठा रहे पंजाब के नेताओं पर निशाना साधा था। उन्होंने भी कहा था कि “जितना हक पंजाब का चंडीगढ़ पर है, उतना ही हमारा भी है” और पंजाब के नेताओं द्वारा विधानसभा भवन के निर्माण पर किसी भी प्रकार का सवाल उठाना उचित नहीं है।

 

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा के नए भवन के निर्माण से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके बाद हरियाणा के लिए अलग से विधानसभा भवन के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो चुका है। लेकिन, इसे लेकर जिस तरह से पंजाब के नेताओं द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं, उसे लेकर दोनों ही राज्यों के नेता अब आमने-सामने आ चुके हैं।

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