गाजा में जंग के बीच बाढ़ का खतरा, बारिश का पानी बढ़ाए फिलिस्तीनियों की मुश्किलें
Gaza:. The Civil Defence in the Gaza Strip has warned of a "humanitarian disaster" due to rainwater as it could lead to flooding and damage tents of displaced people. "Due to the rain, tents at the Yarmouk Stadium Shelter Camp, Gaza Municipality Park, beach camp and schools in Gaza City have been damaged," the Civil Defence Authority said in a press statement on Sunday. "If the displaced people in the camps remain in these conditions, we will face a horrific humanitarian scene, as many tents have been damaged and are not suitable for shelter," the statement said. The authority expressed concern that the situation could worsen with the onset of winter, reports Xinhua news agency. The Civil Defence Authority warned that residents living in low-lying areas would face a "real disaster" if they were exposed to rainwater as Israeli forces destroyed infrastructure across the Gaza Strip, blocking sewage channels. Civil Defence spokesman Mahmoud Basal warned of flooding of homes and buildings. Basal warned of the danger of collapse of the Gaza Strip, from where people have fled. These buildings have developed cracks. Basal appealed to the international community to save the lives of displaced Palestinians in the Gaza Strip before it is too late. Protect them from the hardships of the winter season by providing them with tents and caravans. Rajab Abu Warda, who lives with his family in a temporary tent in the middle of Gaza city, said, "The rain has increased our troubles and made the situation even worse for us in this terrible situation." He said that rain and wind have made their lives 'unbearable'. On October 7, in response to a major attack by Hamas in Israel, the Jewish state launched a military operation in the Gaza Strip occupied by the Palestinian group. About 1200 people were killed in the Hamas attack while more than 250 people were taken hostage. Israeli attacks have caused massive destruction in Gaza and thousands of Palestinians have died.
गाजा:। गाजा पट्टी में सिविल डिफेंस ने बारिश के पानी की वजह से ‘मानवीय आपदा’ की चेतावनी दी है क्योंकि इससे बाढ़ आ सकती है और विस्थापित लोगों के तंबू क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।नागरिक सुरक्षा प्राधिकरण ने रविवार को एक प्रेस बयान में कहा, “बारिश के कारण, यारमौक स्टेडियम शेल्टर कैंप, गाजा नगर पालिका पार्क, बीच कैंप और गाजा शहर के स्कूलों में लगे तंबू क्षतिग्रस्त हो गए हैं।”,बयान के मुताबिक, “अगर कैंप में विस्थापित लोग इन्हीं हालात में रहे, तो हम एक भयावह मानवीय दृश्य का सामना करेंगे, क्योंकि कई तंबू क्षतिग्रस्त हो गए हैं और वे आश्रय के लिए सही नहीं हैं।”,समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, प्राधिकरण ने चिंता जाहिर की कि सर्दियों के शुरू होने के साथ ही हालात और खराब हो सकते हैं।नागरिक सुरक्षा प्राधिकरण ने चेतावनी दी कि निचले इलाकों में रहने वाले निवासियों को ‘वास्तविक आपदा’ का सामना करना पड़ेगा, अगर वे बारिश के पानी के संपर्क में आए तो, क्योंकि इजरायली सेना ने गाजा पट्टी में बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया है जिसके कारण सीवेज चैनल ब्लॉक हो गए हैं।नागरिक सुरक्षा के प्रवक्ता महमूद बसल ने उन घरों और इमारतों के ढहने के खतरे की चेतावनी दी, जहां से लोग पलायन कर गए हैं। इन इमारतों में दरारें आ गई हैं।बसल ने अतंरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे गाजा पट्टी में विस्थापित फिलिस्तीनियों की जान बचाएं, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए। उन्हें टेंट और कारवां उपलब्ध कराकर सर्दियों के मौसम की कठिनाइयों से बचाएं।गाजा शहर के मध्य में अपने परिवार के साथ अस्थायी तंबू में रहने वाले रजब अबू वर्दा ने कहा, “बारिश ने हमारी परेशानी बढ़ा दी है और इस भयावह स्थिति में हमारे लिए स्थिति और भी खराब कर दी है।” उन्होंने कहा कि बारिश और हवा ने उनके जीवन को ‘असहनीय’ बना दिया है।7 अक्टूबर इजरायल में हमास के बड़े हमले के जवाब में यहूदी राष्ट्र ने फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाली गाजा पट्टी में सैन्य अभियान शुरू किया था। हमास के हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे जबकि 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाया गया था। इजरायली हमलों ने गाजा में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है और हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हुई है।