उमेश पाल हत्याकांड में घायल हुए दूसरे गनर ने भी तोड़ा दम,लखनऊ के अस्पताल में इलाज के दौरान हुई मौत
यूपी के प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में घायल दूसरे गनर राघवेंद्र सिंह की बुधवार की शाम 5:45 बजे मौत हो गई। राघवेंद्र का इलाज लखनऊ के पीजीआई में चल रहा था।अब इस केस में मौतों की संख्या तीन हो गई है।पीजीआई निदेशक आरके धीमान ने सिपाही की मौत की पुष्टि की है। डॉक्टरों का कहना है कि सिपाही के शरीर में संक्रमण फैल गया था।सिपाही राघवेंद्र सिंह रायबरेली जिले में लालगंज क्षेत्र के कोरिहर गांव का रहने वाला था। राघवेंद्र के पिता रामसुमेर सिंह यूपी पुलिस में सिपाही थे। जिनकी बीमारी के चलते मौत हो गई थी। उसे मृतक आश्रित के तहत नौकरी मिली थी।राघवेंद्र की 5 मई को शादी होनी थी। परिवार में मां अरुणा, बहन अर्चना और भाई ज्ञानेंद्र हैं। सभी पीजीआई में थे। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।बम के हमले में सिपाही राघवेंद्र के दाहिने कंधे का निचला हिस्सा उड़ गया था। छोटी आंत और बड़ी आंत भी कई जगह से फट गई थी। फेफड़े की पतली नसों को भी नुकसान पहुंचा था। पेट में गोली लगने से उसकी स्पलीन (तिल्ली) भी फट गई थी।प्रयागराज के धूमनगंज स्थित सुलेम सराय इलाके में 24 फरवरी को उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस गोलीकांड में उमेश का गनर संदीप निषाद भी मारा गया था। दूसरा गनर राघवेंद्र सिंह घायल हुआ था। गंभीर रुप से घायल राघवेंद्र को प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल से पीजीआई लखनऊ रेफर कर दिया गया था।उमेश पाल, 2005 में प्रयागराज के बसपा विधायक राजू पाल की हत्या का मुख्य गवाह था। उमेश पाल की पत्नी ने पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ, अतीक के दोनों बेटों और कई अन्य पर केस दर्जकराया था। एक आरोपी एनकाउंटर में मारा गया है।