ब्रिटिश राजदूत के विरोध के बाद दक्षिण कोरिया ने लिया बड़ा फैसला, सुरक्षा पैनल में बढ़ाई महिलाओं की संख्या

South Korea takes big decision after British ambassador objects, increases number of women in security panel

सियोल: दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय ने आगामी सुरक्षा नीति मंच के लिए पैनलिस्ट के रूप में और अधिक महिलाओं को शामिल करने का फैसला किया है, क्योंकि ब्रिटेन के शीर्ष दूत ने महिला वक्ताओं के कम प्रतिनिधित्व के कारण कार्यक्रम को अस्वीकार कर दिया था।योनहाप समाचार एजेंसी की वेबसाइट पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालय ने मंगलवार को होने वाले ‘ग्लोबल कोरिया फोरम’ के लिए 6 महिला पैनलिस्ट का नाम शामिल किया है।ध्यान दें, यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है, जब हाल ही में ब्रिटिश राजदूत कॉलिन क्रुक्स ने लिंग समानता के अभाव पर चिंता जाहिर करते हुए इस फोरम में हिस्सा लेने से साफ इनकार कर दिया था।मंत्रालय ने बताया कि उन्होंने लिंग और राष्ट्र की परवाह किए बगैर सभी विशेषज्ञों से संपर्क स्थापित किया, लेकिन पैनल में महिला विशेषज्ञों को नजरअंदाज कर महज पुरुष विशेषज्ञों को ही शामिल किया गया।वहीं, क्रुक्स की घोषणा के तुरंत बाद मंत्रालय ने पैनल में एक महिला और दो अन्य पुरुषों को शामिल किया।मंत्रालय ने महिला पैनलिस्ट को शामिल करने का फैसला किया, क्योंकि क्रुक्स ने फोरम में हिस्सा लेने से साफ इनकार कर दिया था। जिसके बाद यह विषय मीडिया में खूब छाया रहा।एकीकरण मंत्रालय द्वारा आयोजित ग्लोबल कोरिया फोरम, कोरियाई प्रायद्वीप के संबंध में सुरक्षा और नीति पर एक वार्षिक मंच है। इस वर्ष की थीम “स्वतंत्रता, शांति और समृद्धि के लिए एकीकृत कोरियाई प्रायद्वीप” है।
बता दें कि यह पहली दफा नहीं है कि जब अमेरिकी राजदूत ने महिला सहभागिता का अभाव बताकर किसी कार्यक्रम से किनारा किया हो, बल्कि इससे पहले भी वे कई मौकों पर महिला सहभागिता पर जोर दे चुके हैं।उनका मानना है कि राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले किसी भी कार्यक्रम में लिंग समानता का विशेष ध्यान देकर उनके विचारों का स्वागत किया जाना चाहिए, ताकि वैश्विक स्तर पर विकास को गति मिल सके। वे हमेशा से ही इस बात पर बल देते हुए आए हैं कि नीति निर्माण में महिला सहभागिता जरूरी है।

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