मुंबई में हुआ धर्म, शासन और समाज का अद्वितीय संगम

A unique confluence of religion, governance and society took place in Mumbai

मुंबई  : देश की औद्योगिक राजधानी मुंबई की पुण्यभूमि पर तीर्थंकर भगवान महावीर के सिद्धांतों अहिंसा, समता, सत्य और अपरिग्रह पर आधारित “संवाद से समाधान एक परिचर्चा” का भव्यतम आयोजन महावीरायतन फाउंडेशन के तत्वावधान में यशवंतराव चव्हाण सभागृह में सम्पन्न हुआ। आयोजन का उद्देश्य था धर्म, शासन और समाज के बीच सार्थक संवाद के माध्यम से सामाजिक समाधान की दिशा तय करना।इस ऐतिहासिक आयोजन के प्रेरणास्रोत एवं परिकल्पनाकार श्रद्धेय श्री देवेंद्र ब्रह्मचारी जी रहे, जिनके मार्गदर्शन में अंतरधार्मिक संवाद की यह श्रृंखला नव ऊर्जा, नव विश्वास और समाधान की संस्कृति का परिचायक बनी। आयोजन के मुख्य अतिथि भारतीय गणराज्य के लोकसभा अध्यक्ष माननीय श्री ओम बिरला जी रहे, जिनके साथ महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री मंगल प्रभात लोढ़ा, राज्यसभा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री मिलिंद देवरा, तथा महाराष्ट्र विधान परिषद के सभापति श्री राम शिंदे जी की गरिमामयी उपस्थिति रही।माननीय ओम बिरला जी ने अपने संबोधन में कहा कि सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान और सम्यक चरित्र के साथ किया गया संवाद, हर समस्या का समाधान है। जब हम एक-दूसरे को सुनते हैं, समझते हैं और सम्मानपूर्वक अपने मत व्यक्त करते हैं, तभी वास्तविक समाधान जन्म लेते हैं। यह अवधारणा हमारे लोकतंत्र को भी खूबसूरत बनाती है। जब विश्व युद्ध और ध्रुवीकरण की ओर बढ़ रहा है, तब भारत ‘संवाद’ को समाधान का सेतु मानता है – यही हमारी लोकतांत्रिक परंपरा की ताकत है।” उन्होंने महावीरायतन फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस परिचर्चा को ज्ञानपूर्ण और कालसंगत बताया।श्रद्धेय देवेंद्र ब्रह्मचारी जी ने मंच से कहा, “जब वाणी में करुणा, दृष्टि में समता और आचरण में विनम्रता हो, तभी संवाद साकार होता है और समाधान का मार्ग स्वतः खुलता है। भगवान महावीर का दर्शन आज भी समाज के लिए एक प्रकाशस्तंभ है। संवाद से समाधान कोई नारा नहीं, बल्कि जीवनशैली बने, यही हमारी मंगल भावना है।”,कैबिनेट मंत्री श्री मंगल प्रभात लोढ़ा जी ने कहा कि “जिन मूल्यों को हम केवल पुस्तकों में पढ़ते हैं, उन्हें आज मंच पर जीवंत रूप में देखने को मिला। भगवान महावीर के विचारों को संवाद के माध्यम से जन-जन तक पहुँचाना आज की आवश्यकता है।”,राज्यसभा सांसद श्री मिलिंद देवरा जी ने कहा, “भारत की शक्ति उसकी विविधता में है, और यह विविधता जब संवाद में बदलती है, तभी एकता का निर्माण होता है। यह मंच धार्मिक ही नहीं, सामाजिक समाधान का भी रास्ता है।”,विधान परिषद सभापति श्री राम शिंदे जी ने इस प्रकार के आयोजनों को राजनीतिक वैचारिक शुद्धता और सामाजिक समरसता का पोषक बताया।इस भव्य आयोजन की शुरुआत भगवान महावीर के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन और मंगलाचरण से हुई। श्रद्धेय देवेंद्र ब्रह्मचारी जी ने माननीय लोकसभा अध्यक्ष का पगड़ी व शाल से स्वागत कर भारतीय संस्कृति की गरिमा को पुष्ट किया। अन्य विशिष्ट अतिथियों का महावीरायतन फाउंडेशन की ओर से श्री के.सी. जैन, श्री तरुण काला, श्री पवन जैन और श्री महेंद्र तुरकिया ने अभिनंदन किया।कार्यक्रम में समाज सेवा, शिक्षा, पर्यावरण और सांस्कृतिक संरक्षण के क्षेत्र में विशेष कार्य करने वाले महानुभावों को “समाज सेवा रत्न सम्मान” से सम्मानित किया गया। पद्मश्री डॉ. सोमा घोष की शास्त्रीय संगीतमय प्रस्तुति ने उपस्थित हज़ारों श्रोताओं को भक्ति और भाव से आप्लावित कर दिया। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में लघु नाटिकाएं, भक्ति गीत और संवाद सत्र शामिल रहे, जो जनमानस के अंतर्मन को छूते रहे।इस अवसर पर श्रद्धेय देवेंद्र ब्रह्मचारी जी के जीवन और कार्यों पर आधारित पुस्तक “भारत गौरव” का विमोचन किया गया। साथ ही स्व. श्री निर्मल कुमार सेठी जी की स्मृति पुस्तक का भी लोकार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

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