भ्रष्टाचार के खिलाफ पत्रकार विनोद यादव का संघर्ष: बारिश में भी चार दिन से जारी है धरना, समर्थन में उतरा आइडियल पत्रकार संगठन
Journalist Vinod Yadav's struggle against corruption: The protest continues for four days even in the rain, Ideal Journalist Organization came out in support
विरार/पालघर (महाराष्ट्र):बसई-विरार महानगरपालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनधिकृत निर्माण कार्यों के खिलाफ एक निडर और जुझारू आवाज़ के रूप में पत्रकार विनोद यादव विगत चार दिनों से लगातार बारिश के बावजूद धरने पर बैठे हैं। वे आइडियल पत्रकार संगठन (कार्यक्षेत्र: संपूर्ण भारत) के पालघर जिला अध्यक्ष हैं।विनोद यादव का आरोप है कि महानगरपालिका के अधिकारियों की मिलीभगत से पालघर जिले के वसई-विरार क्षेत्र में बड़ी संख्या में अनधिकृत इमारतों का निर्माण कराया गया है। इस गंभीर मामले को लेकर उन्होंने कई बार उच्च अधिकारियों को शिकायत पत्र व साक्ष्यों सहित अवगत कराया, लेकिन हर बार केवल कागज़ी कार्रवाई और खानापूर्ति कर दी गई। जब लगातार प्रयासों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो उन्होंने लोकतांत्रिक मार्ग अपनाते हुए धरना प्रदर्शन का रास्ता चुना।चौंकाने वाली बात यह है कि पत्रकार के इस शांतिपूर्ण सत्याग्रह के चार दिन बीत जाने के बाद भी ना तो कोई प्रशासनिक अधिकारी, और ना ही कोई जनप्रतिनिधि उनसे मिलने के लिए आया, जिससे नाराज़गी और आक्रोश और अधिक गहरा गया।इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए आइडियल पत्रकार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अजय कुमार मिश्रा के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल विनोद यादव से मुलाकात करने व स्थिति की जानकारी लेने विरार पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल में महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष संजय राय, केंद्रीय संयुक्त सचिव जमुना चव्हाण, प्रदेश महासचिव कविता फुलपगार, जिला संरक्षक सुरेश जायसवाल, जिला उपाध्यक्ष रोहित गिरी शामिल रहे।
प्रतिनिधिमंडल ने तत्पश्चात बसई-विरार महानगरपालिका के उपायुक्त श्री दीपक सावंत से भेंट कर मामले की गंभीरता से अवगत कराया और अब तक हुई कार्रवाई का ब्यौरा मांगा। इस पर उपायुक्त ने आश्वासन दिया कि,
“हम इस पूरे प्रकरण से भलीभांति अवगत हैं। अगले एक सप्ताह के भीतर दोषी अधिकारियों व भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
उपायुक्त ने विनोद यादव से धरना समाप्त करने का अनुरोध भी किया, किन्तु संगठन के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक भ्रष्टाचारियों के खिलाफ प्रतीकात्मक कार्रवाई की शुरुआत नहीं होती, तब तक धरना जारी रहेगा।
महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष संजय राय ने दो टूक कहा,
“अगर आगामी दिनों में कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है तो संगठन महाराष्ट्र सरकार से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप की मांग करेगा और बड़ा जन आंदोलन शुरू करेगा।”
इस दौरान महाराष्ट्र वृत्तपत्र संगठन से जुड़े कई वरिष्ठ पत्रकार भी समर्थन में उपस्थित रहे। सबने एक स्वर में यह मांग की कि ईमानदार पत्रकारों की आवाज को अनसुना करना न केवल लोकतंत्र के लिए खतरा है, बल्कि इससे प्रशासन की जवाबदेही पर भी सवाल उठता है।
गौरतलब हो कि
पत्रकार विनोद यादव का यह संघर्ष न केवल एक पत्रकार की व्यक्तिगत लड़ाई है, बल्कि यह सत्य और जनहित की रक्षा के लिए उठाया गया एक साहसिक कदम है। यदि प्रशासन समय रहते इस पर उचित कदम नहीं उठाता, तो यह आंदोलन आने वाले दिनों में राज्यव्यापी रूप ले सकता है।