मुकद्दस महीने को यूं ही गफलत में न दें जाने, करें इबादत: हाफिज मोईनुद्दीन
नगर के आलमपुर मोहल्ले में स्थित नई वाली मस्जिद में नमाजे तरावीह मुकम्मल
भदोही। नगर के आलमपुर में स्थित नई वाली मस्जिद में नमाजे तरावीह मुकम्मल हुई। तरावीह हाफिज मोईनुद्दीन अंसारी ने मुकम्मल कराई। जहां पर मुक्तदियों ने फूल माला पहनाकर उनका इस्तेमाल किया।
इस अवसर पर हाफिज मोईनुद्दीन अंसारी ने तरावीह मुकम्मल कराएं जाने के बाद रमजान के फजीलत पर बयान किया। उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में अल्लाह एक नेकी का बदला 70 गुना शबाब के तौर पर देता है। ऐसे में इस मुकद्दस महीने को यूं ही गफलत में न जाने दें बल्कि अल्लाह की रहमत, मगफिरत और निजात का फायदा उठाएं। अल्लाह हमें इस मुबारक महीने की कद्र करने की तौफीक दें और अपनी रहमत, मगफिरत और निजात से नवाजे।
हाफिज मोईनुद्दीन ने कहा कि तरावीह मुकम्मल हो जाने का मतलब यह नहीं कि अब तरावीह नहीं पढ़नी है। तरावीह मुकम्मल होने के बाद सूरह तरावीह शुरू होगी। ऐसे में सूरह तरावीह पढ़ना शुरू करें। क्योंकि तरावीह की नमाज रमजान का चांद दिखने के बाद से ईद का चांद दिखने तक पढ़ी जाती है। रमजान के महीने में खूब इबादत करें। कुरआन की तिलावत करें, पांचों वक्त की नमाज पढ़े और तरावीह पढ़ें। उन्होंने आखिर में मुल्क की तरक्की व सलामती के साथ ही अमनों-अमान कायम रखने के लिए दुआएं मांगी गई।
इस मौके पर मोअज्जिन इस्लाम अहमद, हाजी शाहिद हुसैन अंसारी, शादाब हुसैन गोल्डी, हाजी अब्दुल सलाम अंसारी, इश्तियाक अंसारी उर्फ गुड्डू, मुश्ताक अंसारी, आबिद हुसैन अंसारी, इरफान अंसारी, महताब अंसारी, अबताबू अंसारी, अनीस अहमद, नसरुद्दीन अंसारी, पप्पू बनारसी, जावेद अंसारी, राजू डायर, जमालुद्दीन पेशकार व नदीम अंसारी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहें।