नारायण ने किया अहंकारी का सदैव विनाश – आचार्य घनश्यामानंद ओझा

 

विनय मिश्र, जिला संवाददाता।

सलेमपुर, देवरिया। नगर के ईचौना पश्चिमी वार्ड में कांग्रेस कार्यालय के समीप चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन श्रद्धालुओं को संगीतमय कथा का रसपान कराते हुए आचार्य घनश्यामानंद ओझा ने कहा कि नारायण ने किसी भी अहंकारी व्यक्ति का अहंकार इस सृष्टि पर नही चलने दिया है सदैव उसका विनाश किया है। भक्त प्रहलाद हिरणकश्यप राक्षस के पुत्र थे उन्होंने जब भक्ति करना चाहा तो ब्रम्हा जी से मिले वरदान की वह न दिन में मरे ,न रात में,न अपने घर में, न तो बाहर ,न तो मनुष्य से,न तो जानवर से के अहंकार के मद में चूर उसने अपने पुत्र को मारने के लिए पर्वत के चोटी पर से नीचे गिराया, हाथी के पैर से कुचलवाकर,शेर के आगे फेककर जब इन सभी उपाय से भक्त प्रह्लाद भगवत कृपा से नही मरे तो अंत में अपने बहन होलिका जिसे अग्नि में नही जलने के वरदान प्राप्त था उसके साथ अग्नि में जलाने का प्रयास किया वह भी विफल हो गया ।उसकी बहन होलिका जल कर मर गई लेकिन प्रह्लाद का कुछ नहीं बिगड़ा। अंत में हार थककर अपने ही प्रह्लाद को खम्भे में बंधवाकर तलवार लेकर मारने चला तो भक्त के पुकार सुन कर खुद नारायण नरसिंहा अवतार लेकर हिरणकश्यप का अंत कर दिया। श्रीमद्भागवत कथा हमें यह सीख देती है कि अगर हम असत्य के राह पर नही हैं और किसी के साथ गलत नही कर रहे हैं तो भगवान की कृपा उस व्यक्ति पर सदैव बनी रहती है। कथा के दौरान मुख्य यजमान सरस्वती देवी, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष रामरतन गुप्त, कांग्रेस नेता डॉ धर्मेन्द्र पांडेय, अशोक पांडेय, राजेश्वर तिवारी मुन्ना, डॉ उमेश पांडेय, जीवन शरण मिश्र, केपी गुप्त,संजय तिवारी, पिंकू श्रीवास्तव, ओमप्रकाश मिश्र, अरविंद पांडेय मुन्ना, विजय मिश्र, पदमनाथ गुप्त, घनश्याम मिश्र रमेश पाण्डेय ,सुधाकर मिश्र आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

Related Articles

Back to top button