ईरान ने अमेरिका से लिया बदला, कतर के इसी एयरबेस से अमेरिका ने किया था सद्दाम और गद्दाफी का अंत, खामेनेई आर्मी ने अल-उदीद एयरबेस पर दागीं 9 मिसाइलें
ईरान ने अमेरिकी हमले का जवाब देने की चेतावनी को अमलीजामा पहनाते हुए, 48 घंटे के भीतर ही कतर स्थित अमेरिका के सबसे बड़े सैन्य अड्डे अल-उदीद एयरबेस पर मिसाइल हमला कर दिया है। भारतीय समयानुसार सोमवार शाम, ईरान ने इस एयरबेस पर 9 मिसाइलें दागीं। इस हमले के बाद कतर की राजधानी दोहा के आसमान में एयर डिफेंस सिस्टम सक्रिय होते देखा गया।
ईरान पहले ही स्पष्ट कर चुका था कि यदि अमेरिका इज़राइल की ओर से युद्ध में शामिल होता है, तो वह मध्य पूर्व में मौजूद अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाएगा। अब, कतर के बाद सऊदी अरब, कुवैत, यूएई समेत 9 देशों में सायरन बजने लगे हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।
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अमेरिका के लिए क्यों अहम है अल-उदीद एयरबेस?
अल-उदीद एयरबेस कतर की राजधानी दोहा के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है और इसे अबू नखला एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है। यह अमेरिका के लिए मध्य पूर्व में रणनीतिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण सैन्य अड्डा है। यहां तैनात हैं:
कतर एमिरी वायुसेना
संयुक्त राज्य वायुसेना (USAF)
रॉयल एयर फोर्स (RAF)
अन्य सहयोगी देश की सेनाएं
यह अड्डा US Central Command (CENTCOM) के अग्रिम मुख्यालय और USAF Central Command, 379वें एयर एक्सपीडिशनरी विंग सहित कई प्रमुख इकाइयों का संचालन केंद्र है।
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कितने अमेरिकी सैनिक हैं तैनात?
जून 2017 की रिपोर्टों के अनुसार, इस बेस पर 11,000 से अधिक अमेरिकी और सहयोगी देशों के सैनिक तैनात हैं। यहां से 100 से ज्यादा संचालन विमान भी काम करते हैं, जो क्षेत्रीय अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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IRGC का आधिकारिक बयान
हमले के बाद इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा:
<span;>> “ईरान की शांतिपूर्ण परमाणु सुविधाओं पर अमेरिकी हमले के जवाब में, IRGC ने कतर में अल-उदीद एयरबेस पर एक शक्तिशाली मिसाइल हमला किया है, जो पश्चिम एशिया में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा है।”
बयान में यह भी कहा गया कि यह कार्रवाई “ऑपरेशन बशारत अल-फ़तह” के तहत की गई, जिसे ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की अनुमति के बाद खतम अल-अनबिया सेंट्रल कमांड द्वारा अंजाम दिया गया।