पत्रकार, शिक्षक, राधाकांत के पुत्र शिवेश की कार दुर्घटना में हुई मौत ।

जिला संवाददाता, विनय मिश्र, देवरिया।

देवरिया जनपद के सलेमपुर तहसील के विशुनपुरा निवासी पत्रकार व शिक्षक राधाकांत पाण्डेय के इकलौते बेटे शिवेश की कार दुर्घटना में मौत हो गई, जबकी कार में सवार उसका भांजा शिवांश ने मौत को मात दे दिया। इकलौते बेटे की मौत से परिवारिजनों पर विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ा है। अंतिम दाह-संस्कार भागलपुर सरयू नदी किनारे किया गया। दर्दनाक हादसे में इकलौते बेटे की मौत से पत्रकार और शिक्षक समाज भी दुखी है और भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित किया है।

राधाकांत पाण्डेय सलेमपुर के हरैया में परिवार के साथ रहते हैं। गुरुवार को उनका इकलौता बेटा शिवेश पाण्डेय अपने भांजे शिवांश को लेकर कार से अपनी ससुराल इटहुरा मिश्र जा रहा था। ससुराल के समीप रेलवे लाइन किनारे लकड़ी की डिवाइडर से कार अनियंत्रित होकर टकरा गई और पलट गई। कार हादसा में शिवेश गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके ललाट पर एक लकड़ी का टुकड़ा धंस गया। उसका भांजा शिवांश को हल्की खरोच आई और वह सुरक्षित था। दुर्घटना के बाद पास-पड़ोस के ग्रामीणों की भींड जुट गई। खून से लथपथ घायल शिवेश को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लार ले जाया गया। गंभीर स्थिति देख मेडिकल कॉलेज देवरिया रेफर कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज देवरिया में चिकित्सकों ने कोई रिस्क नहीं लिया और घायल को देखते ही मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में पहुंचते ही उसकी मौत हो गई। पत्रकार एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं स्वाभिमान जागरण के संपादक पांडे एन डी देहाती ने कहा है कि मेडिकल कॉलेज देवरिया के चिकित्सकों ने घायल शिवेश का उपचार किया होता और ललाट में धंसे लकड़ी के टुकड़े को निकालने का प्रयास किया होता तो शायद राधाकांत पाण्डेय के इकलौते पुत्र की मौत नहीं हुई होती। चिकित्सक जब चिकित्सा से भागेगा तब यह आम जनता के लिए कष्टदायक होगा। देवरिया का मेडिकल कॉलेज सिर्फ रेफलर अस्पताल बनेगा तो यह जनता लिए बेकार है। मैं सरकार से मांग करता हूं कि मेडिकल कॉलेज देवरिया को रेफलर अस्पताल बनाने की बजाय आकस्मिक स्थिति को संभालने के लिए सर्जन और सर्जरी की विशेष व्यवस्था करें, जिससे आमजन लाभान्वित हो सके अन्यथा यह लॉलीपॉप हमारे लिए बेकार है।

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