देहरादून में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट की भूमि पर बसी मलिन बस्तियों को हटाने पर राजनीति शुरू

Politics started on removal of slums on the land of river front development in Dehradun

देहरादून, 26 जून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में इन दिनों अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। एनजीटी के आदेश के बाद प्रशासन मलिन बस्तियों से अतिक्रमण को हटा रहा है। इस मामले को लेकर प्रदेश में राजनीति भी तेज हो गई है। कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर आरोप लगा रही है।

 

 

 

 

 

 

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि 2016 मार्च के बाद बसी मलिन बस्तियों को हटाया जा रहा है। लोगों को इस संबध में पहले ही अतिक्रमण खुद ही हटाने के लिए नोटिस दिया जा चुका है।

 

 

 

 

 

 

पहले से मलिन बस्तियों में बसे लोगों को सरकार की ओर से मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई गई है। हमने सड़क, पुलिया, बिजली, और पानी की व्यवस्था को दुरुस्त किया है। भाजपा सरकार ने अतिक्रमण कर बस्तियों को बसाने का काम नहीं किया। जिन लोगों ने बस्तियां बसाई हैं, उन पर करवाई होनी चाहिए। हमारी सरकार मार्च 2016 से पहले की मलिन बस्तियों को रेगुलराइज करने का काम कर रही है।

 

 

 

 

 

 

 

वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भाजपा की धामी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों के आशियाने को ध्वस्त कर रही है। देहरादून में पुलिस ऑफिसर कॉलोनी, विधानसभा समेत कई पूंजीपतियों के रिसॉर्ट नदियों के किनारे बने हैं। सरकार इन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।

 

 

 

 

 

 

बता दें लोगों के भारी विरोध के बीच देहरादून नगर निगम बुलडोजर के साथ अतिक्रमण को ध्वस्त करने पहुंचा। एमडीडीए की टीम ने पहले दिन 26 अतिक्रमण ध्वस्त किए। रिवरफ्रंट डेवलपमेंट की भूमि पर कुल 250 अतिक्रमण पर कार्रवाई की जानी है। इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिसकर्मी भी मौजूद हैं।

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