कोल्हापुर के शिक्षक की प्रेरक जीवन यात्रा से प्रभावित हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बातचीत में की सराहना

PM Modi impressed by Kolhapur teacher's inspirational life journey, appreciates him in conversation

नई दिल्ली:। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देश के उत्कृष्ट शिक्षकों के साथ व्यापक बातचीत में कोल्हापुर के एक शिक्षक उनके जीवन की प्रेरक यात्रा के कारण चर्चा के केंद्र में रहे। इस चर्चा में उस शिक्षक ने अपने जीवन के बारे में बताया जो प्रेरणा से भरी हुई थी और यही प्रसंग बातचीत के केंद्र में रहा।सागर बागड़े नाम के कोल्हापुर के इस शिक्षक के बारे में पीएम मोदी से बातचीत के दौरान जो बात निकलकर सामने आई वह बेहद प्रेरक थी। बातचीत में यह सामने आया कि कैसे सागर बागड़े एक अनाथ होते हुए भी कम से कम 11 अनाथ बच्चों के ‘पालनहार’ बने।सागर बागड़े ने प्रधानमंत्री को बताया, “मैं महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक कला का शिक्षक हूं। ” उन्होंने बताया कि उन्होंने 11 अनाथ बच्चों को गोद लिया है और उनके खाने-पीने और शिक्षा की पूरी व्यवस्था कर रहे हैं।सागर बागड़े ने पीएम मोदी को बताया कि ”मैं खुद एक अनाथालय से आया हूं और इसलिए उनके कल्याण के लिए यह पहल की है। आज, मैं काफी सक्षम हूं और अगर मैं वंचित बच्चों के लिए कुछ कर सकता हूं, तो इससे बड़ा कुछ नहीं हो सकता है।”

उन्होंने जब ये बात पीएम मोदी को बताई तो वहां मौजूद शिक्षकों ने जोरदार तालियां बजाई।

उनकी निस्वार्थ सेवा से प्रभावित होकर, पीएम मोदी ने शिक्षक की इस बेहतरीन पहल की प्रशंसा की और कहा कि आपने उच्च नैतिकता का जीवन जीया है और आपकी यात्रा कई अन्य लोगों के लिए अनुकरणीय होगी।सागर बागड़े राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों में से एक हैं, जो अपनी नृत्य कला के माध्यम से सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ रहे हैं और अपने छात्रों को भी इससे जोड़ रहे हैं।पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक आवास पर कई प्रसिद्ध शिक्षकों के साथ बातचीत की, जिन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों का उद्देश्य देश के बेहतरीन शिक्षकों के अद्वितीय योगदान का जश्न मनाना और उन्हें सम्मान देना है। जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत के माध्यम से न केवल शिक्षा के क्षेत्र की गुणवत्ता में सुधार किया बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया।इस वर्ष, देश भर से 82 शिक्षकों का चयन किया गया, जिनमें स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग से 50, उच्च शिक्षा विभाग और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय से 16-16 शिक्षक शामिल हैं।

Related Articles

Back to top button