नोएल टाटा बने टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन, बोर्ड ने सर्वसम्मति से लिया फैसला
Noel Tata became the new chairman of Tata Trust, the board took the decision unanimously
मुंबई,:। नोएल टाटा को शुक्रवार को टाटा संस की प्रवर्तक टाटा ट्रस्ट का चेयरमैन नियुक्त किया गया। टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के निधन के बाद उत्तराधिकारी चुनने के लिए हुई टाटा ट्रस्ट की बोर्ड बैठक में यह फैसला लिया गया।
बोर्ड की ओर से सर्वसम्मति से नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का चेयरमैन बनाया गया है। नोएल टाटा, रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। फिलहाल वह टाटा स्टील और वोल्टास के साथ कई सूचीबद्ध कंपनियों के बोर्ड में शामिल हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेहली मिस्त्री को टाटा ट्रस्ट का स्थायी ट्रस्टी नियुक्त किया जा सकता है। मेहली टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत साइरस मिस्त्री के चचेरे भाई हैं।
नोएल टाटा अपने लो-प्रोफाइल नेतृत्व के लिए जाने जाते हैं, जो रतन टाटा की अधिक सार्वजनिक दिखने वाली भूमिका के बिल्कुल विपरीत है। वे पहली बार वर्ष 2000 में टाटा ग्रुप में शामिल हुए थे।
इस साल की शुरुआत में नोएल टाटा के तीन बच्चों – लिआ, माया और नेविल – को सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट से जुड़े कई ट्रस्टों में ट्रस्टी के रूप में नियुक्त किया गया था।
लिआ वर्तमान में ‘द इंडियन होटल्स’ में उपाध्यक्ष हैं। जबकि, माया ‘टाटा कैपिटल’ से जुड़ी हैं। नेविल ट्रेंट और स्टार बाजार की लीडरशिप टीम में शामिल हैं।
टाटा ट्रस्ट एक प्रमुख निकाय है जो सभी 14 टाटा ट्रस्टों के कार्यों का प्रबंधन करता है। टाटा ट्रस्ट के पास टाटा संस की 65.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है और यह भारत के सबसे बड़े कारोबारी समूह को मार्गदर्शन देने का काम करता है।
टाटा संस का स्वामित्व बड़े पैमाने पर टाटा ट्रस्ट के तहत आने वाले दो प्रमुख ट्रस्टों सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के पास है, जिनके पास कुल मिलाकर टाटा संस में 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है।
रतन टाटा के निधन पर गुरुवार को शीर्ष राजनीतिक नेताओं, उद्योग जगत के दिग्गजों, मशहूर हस्तियों और आम लोगों सहित हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।