दिल्ली विधानसभा सत्र : विकास और लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करने का संकल्प

 

नई दिल्ली, 18 मार्च । दिल्ली विधानसभा में सकारात्मक संवाद और विकास की प्रतिबद्धता देखने को मिली। पक्ष और विपक्ष, दोनों ने मिलकर दिल्ली की जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को स्वीकार किया और शहर के विकास को प्राथमिकता देने की बात कही।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली की जनता ने जो जिम्मेदारी हम सबको दी है, दिल्ली की जनता का दिल जीतकर हम सब लोग इस सदन के अंदर पहुंचे हैं, यह हम सबके लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का एहसास है कि हमारा एक ही लक्ष्य है दिल्ली की प्रगति, दिल्ली का विकास, दिल्ली की समृद्धि।

सीएम ने कहा कि हमारा पांच साल का पूरा सत्र इसी प्रकार से मुद्दों पर चर्चा करते हुए चले, ताकि दिल्ली के हित में काम हो सके। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इसमें हम सबका एक ही लक्ष्य है- दिल्ली के लिए काम करना।”

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि इस सदन में बैठना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। इस जिम्मेदारी को विजेंद्र गुप्ता ने याद दिलाया है। लाला लाजपत राय, मदन मोहन मालवीय, विठ्ठलभाई पटेल और पूर्व पीएम नेहरू सदन में बैठ चुके हैं। जब हमारे देश में महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला था, तो कई व‍िकस‍ित देशों में महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं था। यह ताकत संविधान के कारण मिली, बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर ने वो ताकत दी।

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी इस अवसर पर सदन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह भवन भारत के स्वतंत्रता संग्राम का साक्षी रहा है और आज यह लोकतांत्रिक मूल्यों को सशक्त करने का मंच है। उन्होंने कहा, “दिल्ली को मिनी भारत कहा जाता है। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम जनता की अपेक्षाओं को पूरा करें और लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करें, ताकि देश में एक सकारात्मक संदेश जाए।”

उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा की कार्रवाई केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करती है।

 

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