लाखों आउटसोर्सिंग कर्मियों के श्रम अधिकार और पारिश्रमिक तथा सामाजिक सुरक्षा की रक्षा के लिए प्रदेश सरकार द्वारा आउटसोर्स सेवा नियम के गठन को मिली मंजूरी

Approval was given by the state government for the formulation of Outsource Service Rules to protect the labor rights, remuneration and social security of lakhs of outsourcing workers

आजमगढ़ बलरामपुर से बबलू राय

प्रदेश सरकार द्वारा आजमगढ़ जनपद को भी सूचना एवं जन संपर्क विभाग के द्वारा सूचित किया गया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश के लाखों आउटसोर्सिंग कर्मियों के श्रम अधिकारों, पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा की रक्षा को देखते हुए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है । उन्होंने उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि यह निगम प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के साथ-साथ आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के जीवन में अस्थाईत्व और भरोसा सुनिश्चित करेगा। एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रस्तावित उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम की कार्य प्रणाली संरचना और दायरे के संबंध में विस्तृत विचार विमर्श किया। इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया गया। मुख्य सचिव के अध्यक्षता में एक बोर्ड आफ डायरेक्टर्स और एक महानिदेशक की नियुक्ति की जाएगी जिसमें मंडल व जिला स्तर पर भी समितियों का गठन किया जाएगा। एंजेसियों का चयन जेम पोर्टल के माध्यम से न्यूनतम 3 वर्ष के लिए किया जाएगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि वर्तमान कार्यरत कर्मियों की सेवाएं बाधित न हो और चयन प्रक्रिया में उन्हें अनुभव के आधार पर वेटेज मिले। आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन विकेंद्रीकृत तरीके से होता है जिसके कारण समय पर वेतन न मिलना, वेतन में कटौती इपीएफ/ईएसआई लाभों से वंचित रहना यह पारदर्शिता की कमी और उत्पीड़न जैसी शिकायते हैं। इसके परिप्रेक्ष्य संपूर्ण व्यवस्था में व्यापक सुधार आवश्यक है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि निगम को रेगुलेटरी बॉडी की भूमिका में रखा जाए। जो एजेंसियों की कार्य प्रणाली की निगरानी करें और नियमों के उल्लंघन पर ब्लैक लिस्टिंग, डीबार में पेनाल्टी एवं वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करें। प्रस्तावित निगम द्वारा की जाने वाली सभी नियुक्तियों में एस सी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, महिला, दिव्यांगजन और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण प्रावधानों का पूर्णतया पालन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निराश्रित, तलाकशुदा व परित्यक्त महिलाओं को भी प्राथमिकता देने की बात कही है।
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि सभी आउटसोर्सिंग कार्मिकों का पारिश्रमिक प्रत्येक मांह की 5 तारीख तक सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जाए तथा ईपीएफ और ईएसआई की रकम समय से जमा हो। साथ ही इपीएफ, ईएसआईसी तथा बैंकों से अनुमन्य सभी लाभ कर्मचारियों को प्रदान किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया की नियमित पदों के विरुद्ध कोई भी आउटसोर्सिंग सेवा नहीं ली जाए। चयन के बाद कोई भी कार्मिक तब तक सेवा से मुक्त नहीं किया जाए जब तक संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति ना हो। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक कर्मचारी की गरिमा, सुरक्षा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम प्रदेश की प्रशासनिक प्रणाली में एक नई पारदर्शिता और जवाब देही का अध्याय जोड़ेगा। इससे न केवल राज्य के लाखों आउटसोर्सिंग कर्मियों को लाभ मिलेगा बल्कि प्रशासनिक दक्षता भी बढ़ेगी।

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