आजमगढ़ में पोस्टर वार: सपा सांसद पर पोस्टर लगाने वालों को मिला करार जवाब
Poster war in Azamgarh: Those questioning the SP MP got a befitting reply

आज़मगढ़:उत्तर प्रदेश की सियासत में पोस्टर पॉलिटिक्स नई नहीं है, लेकिन इस बार आज़मगढ़ में लगे एक पोस्टर ने राजनीतिक हलचल तेज़ कर दी है। दरअसल, ग्रामसभा डुगडुगवां के लोगों ने एक होर्डिंग लगाया है जिस पर लिखा गया है, “ग्राम सभा डुगडुगवां के लोगों को सांसद-विधायक की तलाश”। खास बात यह है कि यह पोस्टर सपा कार्यालय के पास लगाया गया है।हालांकि, स्थानीय लोग मानते हैं कि सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ज़मीन से जुड़े नेता हैं, जिन्होंने हमेशा जनता की आवाज़ को संसद तक पहुँचाया है। चाहे किसानों की समस्या हो, नौजवानों की शिक्षा और रोजगार का मुद्दा हो या फिर आज़मगढ़ की पहचान बचाने की बात धर्मेंद्र यादव हर मोर्चे पर सक्रिय दिखाई दिए हैं।
भाजपा का सपा पर हमला
इस पोस्टर वार पर भाजपा ने सपा को घेरा है।
भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य जयनाथ सिंह ने कहा, “जब जिले में हिंदुओं का त्यौहार होता है तो सपा सांसद का पता नहीं रहता। वहीं अन्य त्योहारों पर वह टोपी पहनकर बधाई देते नजर आते हैं। यही कारण है कि लोग जगह-जगह उनके लापता होने के पोस्टर लगा रहे हैं। सपा केवल दिखावे की राजनीति करती है,आगे सपा पर करारा हमला बोलते हुए कहा, “आजमगढ़ की जनता विकास और बुनियादी सुविधाओं की अपेक्षा रखती है, लेकिन सपा के नेता केवल जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति में लगे रहते हैं। यही वजह है कि जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है और विरोध जताने के लिए लापता के पोस्टर लगाने को मजबूर है। यह जनता का सीधा संदेश है कि अब खोखले वादे नहीं, असली काम चाहिए।”
पोस्टर विवाद पर राजनीति तेज़, पूर्व विधायक आदिल शेख ने जताया विरोध
सियासत के गलियारों में पोस्टरवार एक बार फिर सुर्खियों में है। हाल ही में लगाए गए पोस्टर में भाजपा सांसद-विधायक की तलाश को लेकर उठाए गए सवालों पर सपा नेताओं ने भाजपा को कठघरे में खड़ा किया है। सपा नेताओं ने कहा कि भाजपा के विकास के दावे सिर्फ़ भाषणों तक सीमित हैं, जबकि ज़मीनी हकीकत महँगाई, बेरोज़गारी और किसानों की बदहाली है। उनका कहना है कि भाजपा नेताओं को बयानबाज़ी छोड़कर आज़मगढ़ के लिए ठोस काम करने चाहिए।लोगों का कहना है कि जब सपा सांसद धर्मेंद्र यादव दिल्ली में जनता की आवाज़ बुलंद कर रहे होते हैं, तब भाजपा नेता केवल मंच से जुमलेबाज़ी में व्यस्त रहते हैं।इसी बीच पूर्व विधायक आदिल शेख ने पोस्टर लगाने की राजनीति पर कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि पोस्टरबाज़ी से जनता की समस्याओं का समाधान नहीं होगा। असली राजनीति जनता के बीच जाकर उनकी परेशानियों को समझने और उन्हें दूर करने से होती है। आदिल शेख ने अपील की कि सभी दलों को पोस्टरबाज़ी से परहेज़ करते हुए विकास कार्यों और जनहित की योजनाओं पर ध्यान देना चाहिए।
मुलायम सिंह के दौर की याद
यह पहला मौका नहीं है जब आज़मगढ़ में इस तरह के पोस्टर लगे हों। जब समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव सांसद थे, तब भी विपक्ष ने ऐसे ही पोस्टरों से राजनीति करने की कोशिश की थी। लेकिन मुलायम सिंह यादव ने साबित किया कि जनता का भरोसा केवल काम और संघर्ष से जीता जाता है, और धर्मेंद्र यादव भी उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।
जनता का विश्वास समाजवादी पार्टी के साथ
भले ही कुछ लोग पोस्टर लगाकर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हों, लेकिन ज़मीनी सच्चाई यही है कि आज़मगढ़ की 10 में से 10 विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी का कब्ज़ा है। यह इस बात का प्रमाण है कि जनता का विश्वास आज भी सपा और धर्मेंद्र यादव के साथ मज़बूती से खड़ा है।
आज़मगढ़ की सियासत में इस पोस्टरवार ने नया मोड़ ले लिया है और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह विवाद किस करवट बैठता है।
एडिटर आफताब आलम



