स्वतंत्रता के इतिहास में अमर हुए राजा शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह: स्वतंत्र देव सिंह

 

रिपोर्ट विनय कुमार मिश्रा

*बरहज देवरिया।* प्रदेश सरकार के जलशक्ति एवं बाढ़ मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कई ऐसे वीरों का योगदान है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। इन वीरों में गोंडवाना (गढ़ा कटंगा) साम्राज्य के राजा शंकर शाह और उनके पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह का नाम अमर है। राजा शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। आज उनके बलिदान की पुण्य स्मृति में आयोजित बलिदान दिवस पर हम सब उपस्थित हैं यह सौभाग्य का विषय है। श्री सिंह बुधवार को बरहज नगर के समृद्धि मैरेज हॉल में आयोजित बलिदान दिवस पर संबोधित कर रहे थे।

बहराईच के सांसद एवं बरहज के मूल निवासी डॉ आनंद कुमार गोड़ ने कहा कि राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह का बलिदान न केवल गोंडवाना के इतिहास में बल्कि पूरे भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अद्वितीय स्थान रखता है। उनका संघर्ष और बलिदान हमें यह सिखाता है कि मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए प्रोणोत्सर्ग भी कुछ नहीं है। उनका यह त्याग आने वाली पीढ़ियों के लिए सदैव प्रेरणा स्रोत बना रहेगा। प्रदेश सरकार के समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव कुमार गोड़ ने कहा कि दोनों वीर रणबांकुरों राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह का जीवन एवं उनके दिखाये मार्ग पर हम सभी को चलना होगा। उनका जीवन, साहस और बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है, जो सदियों तक भारतवासियों को प्रेरणा देता रहेगा। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामधनी गोंड़ ने कहा कि राजा शंकर शाह और उनके बेटे कुंवर रघुनाथ शाह ने अपने साहस से लोगों में स्वाधीनता की अलख जगाने का काम किया था। इसके चलते उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी थी। अंग्रेजी हुकूमत ने दोनों को तोपों से बांधकर उनकी निर्मम हत्या कर दी थी। आदिवासी समुदाय के लोगों के लिए दोनों पिता-पुत्र आज भी बेहद सम्माननीय हैं। दोनों महान कवि भी थे। अपनी कविताओं के जरिए वे प्रजा में देशभक्ति का जज्बा जगाने का भी काम किया। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष भुपेंद्र सिंह, नपाध्यक्ष श्रीमती श्वेता जायसवाल, पूर्व सांसद अक्षयवर लाल गोड़, संजय कुमार गोड़, श्यामसुंदर जायसवाल, विजय सिंह रिंकू, रामजोखन निषाद, अभयानंद तिवारी, विनोद सिंह गुड्डू, दीनबंधू सिंह, प्रणव दुबे,अर्जुन भारती, मनोज कुशवाह, नथुनी मद्धेशिया आदि उपस्थित रहे।

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