पाकिस्तान से सटे ईरानी प्रांत में तीन सुरक्षा गार्ड की मौत, आतंकी संगठन ने ली जिम्मेदारी

Three security guards killed in Iranian province bordering Pakistan, terrorist organization took responsibility

इस्लामाबाद: ईरान के दक्षिण-पूर्वी सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत में भड़की ताजा हिंसा में कम से कम तीन सीमा सुरक्षा गार्ड मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। देश के 31 प्रांतों में यह दूसरा सबसे बड़ा प्रांत है। इसकी सीमा पाकिस्तान और अफगानिस्तान से लगती है।

एक सूत्र ने बताया, “ईरान के सिस्तान-और-बलूचिस्तान प्रांत के रास्क जिले के पारुद चौराहे पर अज्ञात हथियारबंद लोगों के साथ झड़प में एक ईरानी बॉर्डर गार्ड की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए।” उन्होंने कहा, ‘रेंजर यूनिट के एक अन्य ईरानी पुलिसकर्मी की प्रांत के खाश शहर में गोली मारकर हत्या कर दी गई।’

वहीं ईरान के फराजा (ईरान सशस्त्र बलों के तीन भागों में से एक) का एक कर्मी तब घायल हुआ जब अज्ञात हथियारबंद लोगों ने सिस्तान-और-बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी जाहेदान में डोमक पुलिस स्टेशन को निशाना बनाया।

एक अन्य घटना में प्रांत के हिरमंद शहर में मक्की स्टेशन पर अज्ञात हथियारबंद लोगों ने हमला किया। हमले में एक ईरानी सीमा सुरक्षा गार्ड की मौत हो गई।

सुन्नी बहुसंख्यक ग्रुप जैश-उल-अदल (न्याय की सेना) ने हमलों की जिम्मेदारी ली है। यह संगठन दरअसल बलूच मिलिट्री ग्रुप जुन्दुल्लाह के उत्तराधिकारी के रूप में 2012 से पाकिस्तान-ईरान सीमावर्ती क्षेत्रों में एक्टिव है।

जैश-उल-अदल का दावा है कि वह बलूच लोगों के अधिकारों के लिए लड़ रहा है और ईरान से आजादी चाहता है। इसका नेतृत्व सलाउद्दीन फारूकी कर रहा है और इसे ईरान और संयुक्त राज्य अमेरिका ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है।

ईरान का आरोप है कि जैश-उल-अदल पाकिस्तान में स्थित है। तेहरान ने ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए इस्लामाबाद की आलोचना की है। दूसरी ओर, इस्लामाबाद अपने क्षेत्र के अंदर ग्रुप की किसी भी भौतिक मौजूदगी से इनकार करता है।

सिस्तान क्षेत्र से सटी पाक-ईरान सीमा पर पिछले कुछ समय से तनाव बना हुआ है। दरअसल यहां आतंकवादी ग्रुप ईरानी सीमा सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर हमले कर रहे हैं।

ईरान के सबसे गरीब क्षेत्रों में से एक सिस्तान प्रांत को जातीय भेदभाव का सामना करना पड़ा है। बलूच आबादी, जो ईरान की आबादी का केवल पांच प्रतिशत है, भेदभाव और हिंसा का शिकार है।

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