विकाश के नाम पर झूठी ढोलक पीटती सरकार खंडहर कीचड़ युक्त सड़को की हालात के कारण रेलवे के नीचे से गुजर रहे स्कूली बच्चे

हिंद एकता टाइम्स भिवंंडी
रवि तिवारी
भिवंडी-भिवंडी तालुका खारबाव रेलवे स्टेशन के पास बंगला पाढां की यह तस्वीर महाराष्ट्र सरकार के विकाश की पोल खोलने के लिये काफी है। लगभग ४० घरों की इस बस्ती में आने जाने के लिये सड़क नहीं है। तथा अन्य कई मूल भूत सुविधा के लिये आज भी लोग सरकार के किये गये चुनावी वादे का इंतजार कर रहे हैं। स्थानिक नागरिकों का कहना है कि सरकर का विकाश सिर्फ कागज के पन्नों तक ही सीमित है। धरातल पर आजादी के अमृत काल का मजाक बनकर रह गया है। जान हथेली पर रख कर लोग घरों के बाहर निकलते हैं।एक कहावत है कि हसना रोना साथ नहीं होता,परंतु सरकार के विकाश के झूठे दावे, पर हंसी आती है और आदिवाशी पाढा़ की इस तस्वीर पर रोना भी आता है। भिवंडी के खारबाव क्षेत्र आदिवासी पाढा़ के लगभग ४० घरों में आज भी अन्य मूल – भूत सुविधा के साथ-साथ सड़को की समस्या सब से जादा विकट और भयावह है। इस तस्वीर को गौर से देखो स्कूली बच्चे अपनी जान हथेली पर रखकर शिक्षा ग्रहण करने के लिये कीचड़ युक्त सड़क,तथा रेल के पटरियों पर बिछाये गये गिट्टी, (पत्थर) के अलांवां रेल पटरी पर खड़ी गाडियों के निचे से अपने अभिभावकों के साथ चल कर सफर करने पर मजबूर हैं। यही हाल वहां के स्थानिकों का भी है। बरसात के समय रेलवे पटरियों पर पानी भरने से यह समस्या और भी जटिल हो जाती है। हलां कि कांरिडोर रेलवे लाइन निर्माणाधीन है। इस लिये यह मर्ग भी बंद है। इसलिए वाहनों का आना जाना भी बंद है। बीमार लोगों को भी इसी मार्ग का शहारा है। स्थानिक नागरिकों ने कई वर्षो से फुटओवर अथवा अंडर पास ब्रिज बनाने की मांग कर रहे हैं। गांव की जागरुक महिला हर्षदा चौधरी प्रशासन से गुहार लगाई है कि इस गंभीर विषय से तत्काल नागरिको को र राहत पहुंचाई जाये। हर्षदा चौधरी ने बताया कि सांसद सुरेश म्हात्रे को जब इसकी जानकारी मिली तो तत्काल रेलवे संबधित अधिकारियों व संबधित मंत्रीको पर्र लिखकर इस समस्या को जल्द से जल्द पूरी करने की मांग की है।

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